ग्वालियर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड ने अपनी बकाया राशि बसूलने के लिए विशेष कार्य योजना बनाकर एक अभियान छेड दिया है। बैंक ने सबसे पहले ऐसे बकायादारों पर अपना शिकंजा कसा है जो बैंक के बकायादार होकर उनके नाम शस्त्र लायसेंस हैं। ऐसे बकायादारों की सूची बनाकर भिण्ड कलेक्टर को दी है। कलेक्टर ने ऐसे बकायादारों के शस्त्र लायसेंस निरस्त करने के नोटिस जारी कर दिए है। ऐसे बकायादारों की संख्या करीबन 900 है जिन पर बैंक का करीबन 98 लाख रुपया बकाया है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड का जिले के किसानों पर 180 करोड रुपए की राशि बकाया है। यह राशि उसे अपने कर्जदार लगभग 40 हजार किसानों से बसूल करनी है। बैंक प्रबंधन ने विगत दो दशकों से भी ज्यादा समय से बकाया चली आ रही उक्त भारी भरकम रकम को उगाहने के लिए डिफाल्टर किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना (वन टाइम सेटिलमेंट-ओटीएस3 स्क्रीम) लागू की है। योजना आगामी दो वर्ष तक लागू रहेगी। योजना के तहत 12 दिसंबर को जिले में आयोजित हो रही नेशनल लोक अदालत में बैंक अधिकाधिक बकायादार किसानों के प्रकरण रख रही है। बैंक प्रबंधन ने जिले के सभी शाखा प्रबंधकों को कालातीत ऋणों की अधिकतम बसूली के लिए प्राथमिकता के आधार पर प्रकरण तैयार किए है।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड के महाप्रबंधक जेएस ठाकुर ने बताया कि बकायादार किसानों को समझौता की तारीख पर तीन से सात की अवधि के कालातीत ऋण की कुल राशि में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। सात वर्ष से दस वर्ष की अवधि के कालातीत ऋणों के मामले में बकायादार कृषक को 40 प्रतिशत राशि की छूट प्राप्त होगी और 10 वर्ष से अधिक की अवधि के कालातीत ऋणों के मामले में कुल बकाया राशि की 50 प्रतिशत राशि जमा न करने की राहत मिलेगी। इस योजना में जानबूझकर चूक करने वाले ( विलफुल डिफाल्टर) तथा गबन, धोखाधडी और दुराचार के अर्न्तगत वर्गीकृत किसान शामिल नहीं हो सकेंगे। समझौते के तहत बसूली गई रकम किसी भी स्थिति में कुल वितरित ऋण की मूल रकम से कम नहीं होगी। शाखा स्तर पर एक कमेठी गठित होगी, जो योजना के प्रकरणों की समीक्षा, विश्लेषण व बसूली योग्य राशि का आकलन कर ऋणी से समझौता करने हेतु सक्षम होगी। यह कमेठी 20 लाख रुपए तक के कुल बकाया वाले मामलों का निराकरण कर सकेगी।
महाप्रबंधक ने बताया कि कुल बसूली योग्य राशि का 25 प्रतिशत बैंक में जमा करना होगा, तभी समझौता प्रक्रिया शुरु होगी। यदि ऋणी एक मुश्त राशि जमा करने में सक्षम नहीं है तो समझौता राशि का 25 प्रतिशत जमा करने के बाद शेष राशि एक वर्ष में 3 पोस्ट डेटेड चैक के माध्यम से जमा करा सकेगा। इस योजना से डिफाल्टर किसानों को लाभ के साथ ही और बैंक की बकाया राशि भी बसूल होगी।
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित भिण्ड के महाप्रबंधक जेएस ठाकुर ने बताया कि बैंक ने 900 ऐसे हितग्राहियों को नोटिस दिए हैं जिन पर बैंक का 98 लाख रुपया बकाया हैं। ये हितग्राही बकाया राशि जमा नहीं करते तो इनके शस्त्र लायसेंस निरस्त कराने की कार्यवाही की जाएगी। कल नेशनल लोक अदालत में सभी को बुलाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *