बुरहानपुर। मध्य प्रदेश नेपानगर के चौखंडिया गांव के पास बनाए गए बोरवन तालाब घोटाले में फंसीं नेपानगर की तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान में झाबुआ की डिप्टी कलेक्टर रहीं विशा माधवानी को संभागायुक्त डा. पवन कुमार शर्मा ने निलंबित कर दिया है।  

निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय अलीराजपुर नियत किया गया है। सोमवार देर शाम जारी हुए आदेश में कहा गया है कि विशा माधवानी ने अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही और उदासीनता बरती है। जिसके चलते सिविल सेवा आचरण नियम के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। ज्ञात हो कि बोरवन तालाब के लिए चौखंडिया निवासी रामेश्वर कल्लू की खसरा नंबर 190 व 194 की भूमि का एक साल पहले अधिग्रहण किया गया था। इसके बदले उसे 41.57 लाख रुपये मुआवजा दिया जाना था, लेकिन विभिन्न कर्मचारियों, दलालों आदि ने हितग्राही के नाम से फर्जी बैंक खाते खोलकर सारी राशि हड़प ली थी। इसकी शिकायत होने पर कलेक्टर प्रवीण सिंह ने अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह सोलंकी को जांच सौंपी थी।

जांच के बाद गत 15 जून को कलेक्टर को सौंपे गए अपने प्रतिवेदन में उन्होंने तत्कालीन एसडीएम और भूअर्जन अधिकारी विशा माधवानी सहित 9 लोगों को दोषी बताते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की थी। कलेक्टर के निर्देश पर नेपानगर पुलिस ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। इनमें से पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी सहित चार लोग अब भी फरार हैं। कलेक्टर ने विशा माधवानी के निलंबन को लेकर गत 22 जून को संभागायुक्त को प्रस्ताव भेजा था। जिस पर 28 जून को मोहर लगा दी गई।

नेपानगर पुलिस ने इस घोटाले में लिप्त पाए गए स्थानीय नेता संजय मावस्कर, तुकईथड़ सोसायटी के तत्कालीन प्रबंधक अशोक नागनपुरे, दलाल फिरोज खान, एसडीएम के वाहन चालक रहे होमगार्ड जवान सचिन वर्मा और मास्टर माइंड इम्तियाज खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस फरार चल रही विशा माधवानी, उनके खास रहे लिपिक अंकित काटे के अलावा दो अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है। इस दौरान होमगार्ड जवान सचिन वर्मा की सेवा समाप्त की जा चुकी है, जबकि सोसायटी प्रबंधक अशोक नागनपुरे को निलंबित किया जा चुका है।

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