भोपाल । प्रत्येक महीने आपके घर में खपत होने वाली बिजली रीडिंग का राज्य सरकार अब सत्यापन कराएगी। इसका फायदा हजारों उपभोक्ताओं को होगा। इससे रीडिंग लेते समय होने वाली गड़बड़ी पकड़ में आएगी और गड़बड़ बिल जारी नहीं होंगे। अभी कई उपभोक्ता बिलों में गड़बड़ी से परेशान होते हैं। यह व्यवस्था मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल समेत सभी शहरों में मंगलवार से शुरू करेगी। जुलाई से मिलने वाले बिलों में गड़बड़ी नहीं होगी। अभी मीटर वाचकों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिलों के सत्यापन के लिए मीटर वाचक रीडिंग लेंगे। उसे रिकॉर्ड में दर्ज करेंगे। मीटर का फोटो लेंगे। रीडिंग व मीटर का फोटो साफ्टवेयर में अपलोड करेंगे। यह रिकार्ड दूसरे जिले के किसी भी मीटर वाचक को मोबाइल में डाउनलोड एप पर आवंटित होगा। संबंधित मीटर वाचक पंच की गई रीडिंग व मीटर के फोटो में दिखाई दे रही रीडिंग का मिलान करेंगे। यदि दोनों माध्यमों से ली गई रीडिंग सही है तो ‘यस’ का विकल्प चुनेगा और अंतर मिलने पर ‘नो’ का विकल्प चुनेगा। ‘यस’ के विकल्प का बटन दबाते ही संबंधित उपभोक्ता को बिल जारी हो जाएंगे। ‘नो’ करने पर संबंधित जोन के अधिकारी के पास मैसेज जाएगा। इसके बाद उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग दोबारा होगी, तब उसे बिल जारी होगा। इस तरह गड़बड़ बिल जारी होने से बचेंगे। सत्यापन की जरूरत इसलिए पड रही है क्यों कि कई बार मीटर वाचक रीडिंग लेने नहीं आते। औसत खपत का बिल देते हैं। अगले माह वास्तविक खपत का बिल आता है, जो अधिक खपत का होता। शिकायत करनी पड़ती है। कुछ मीटर वाचकों से मानवीय भूल हो जाती है और वे रिकार्ड में अलग रीडिंग नोट कर लेते हैं। इस तरह गड़बड़ बिल जारी हो जाते हैं। कुछ मीटर वाचक जानबूझकर आर्थिक लाभ के कारण गलत रीडिंग लेते हैं। बाद में उपभोक्ताओं को इसके नतीजे भुगतने पड़ते हैं। उपभोक्ताओं को औसत बिल नहीं दे सकेंगे। मानवीय भूल पकड़ में आएगी। जान-बूझकर गलत रीडिंग का बिल नहीं दे सकेंगे। उपभोक्ताओं को फायदा होगा। हर माह बिलों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलती है। उनका निराकरण करने के लिए कंपनी को अमला लगाना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं के बीच छवि खराब होती है। सत्यापन से काफी हद तक यह नौबत पैदा नहीं होगी। इस बारे में ऊर्जा विभाग, मप्र के प्रमुख सचिव संजय दुबे का कहना है कि पहले चरण में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 35 लाख उपभोक्ताओं द्वारा खपत की जाने वाली रीडिंग का सत्यापन कराने जा रहे हैं। यह प्रक्रिया सतत चलेगी। अगले चरण में दूसरी कंपनियों में भी यह व्यवस्था लागू करेंगे। उपभोक्ताओं को शून्य गलती वाले बिल जारी करेंगे।