इंदौर। करीब एक साल से स्कूल-कालेजों की कक्षाएं आनलाइन चल रही है लेकिन कई बार शिक्षकों का कहना होता है कि कई विद्यार्थी आनलाइन कक्षा में शामिल ही नहीं होते। शहर के गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) ने विद्यार्थियों की 75 फीसद उपस्थिति अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। संस्थान का कहना है कि इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और परीक्षा नियम अनुसार 75 फीसद उपस्थिति पूरी हो सकेगी।
कुछ ही दिनों में आनलाइन कक्षाओं के बीच शिक्षक विद्यार्थियों के नाम लेकर उनकी उपस्थिति भी दर्ज करेंगे। अभी से इसकी जानकारी विद्यार्थियों को दी जा रही है ताकि वे कक्षाओं में शामिल होना जारी कर दे। कई शिक्षकों का कहना है कि कई विद्यार्थी आफलाइन हो जाते हैं। ऐसे में पता नहीं लगता कि कक्षा में कौन शामिल है और कौन नहीं।
संस्थान के निदेशक डा. राकेश सक्सेना का कहना है कि महामारी के कारण हमने कई महीने विद्यार्थियों की परेशानियों को समझा और वे कक्षाओं में नहीं आ पाते थे तो हम कोई कार्रवाई नहीं करते थे। विद्यार्थी या परिवार के सदस्य को संक्रमण हो जाने पर भी हम राहत देते थे लेकिन अब संक्रमण के मामले कम हो गए हैं तो ऐसे में विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाओं में शामिल होना चाहिए। चूंकि परिणामों के आधार पर ही अच्छा जाब प्लेसमेंट मिलता है इसलिए हम विद्यार्थियों का नुकसान नहीं होने देना चाहते।
आने वाले दिनों में तकनीक के सहारे ऐसा सिस्टम भी तैयार कर रहे हैं जिससे आनलाइन कक्षा के दौरान पता लग सके कि कितने विद्यार्थी कैमरे के सामने मौजूद है। विद्यार्थियों का पढ़ाई का नुकसान न हो इसके लिए हमने महामारी के बीच भी शिक्षकों को आनलाइन कक्षाएं रोजाना लेने के निर्देश दे रखे थे। ऐसे में अब विद्यार्थियों को भी गंभीरता से संस्थानों को नियमों का पालन करना होगा। संस्थान में करीब पांच हजार विद्यार्थी है। इसमें से कई विद्यार्थी इन दिनों अपने घर पर ही है।
होस्टल भी पूरी तरह खाली पड़े हैं। संस्थान के निदेशक डा. सक्सेना का कहना है कि संक्रमण की संख्या ऐसे ही कम रही और सरकार ने कक्षा खोलने की अनुमति दी तो कुछ विद्यार्थियों को सीमित संख्या में कक्षाओं में बुलाया जाएगा। हमने तय किया है कि आनलाइन कक्षाओं में जिन विद्यार्थियों की 75 उपस्थिति रहेगी उन्हें ही परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलेगी।