भोपाल। राज्य सरकार ने वर्ष 2021-22 के लिए स्थानातंरण नीति को जारी कर दिया है। इसके तहत एक से 30 जुलाई के बीच तबादले किए जा सकेंगे। सबसे पहले स्थानांरण अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त पदों पर किए जाएंगे। इसके बाद अन्य रिक्त पदों को भरा जाएगा। पूर्व में एक बार जिले में पदस्थ रहे अधिकारी का दोबारा से उसे जिले में पदस्थापना नहीं की जाएगी। गृह जिले में पोस्टिंग में केवल अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं को छूट दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को वर्ष 2021-22 के लिए तबादला नीति जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, किडनी खराब होने के कारण, डायलेसिसि करवाने, ओपन हार्ट सर्जरी के कारण अथवा कोविड जैसे संक्रमण महामारी में गंभीर रूप से पीड़ित होने के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध हो, तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक का तबादला चाहने पर किया जा सकेगा। जिले में कार्यपालिक अधिकारी का तबादला होने और उसके द्वारा किए जा रहा कार्य, यदि पूर्ण नहीं हुआ है तो रिलीविंग अधिकारी शासन से अनुमति लेकर दस दिन तक तबादला रोक सकेंगे।
इस तरह किए जाएंगे स्थानांतरण
-किसी भी कार्यपालिक कर्मचारी, अधिकारी को उनके गृह जिले में स्थानांतरण या पदोन्नति के द्वारा पदस्थ नहीं किया जाएगा।
-जीएडी एवं राजस्व विभाग, डिप्टी कलेक्टर या संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, अतिरिक्त एवं नायब तहसीलदार की पोस्टिंग जिले में कलेक्टर प्रभारी मंत्री से परामर्श उपरांत पदस्थापना कर सकेंगे।
-जिस जिले में पूर्व में अधिकारी पदस्थ रहा है, उसका पुन: उसी जिले में तबादला नहीं किया जाएगा।
-तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का एक ही स्थान पर 3 या उससे अधिक वर्ष होने पर तबादला किया जा सकेगा।
-जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति एक साल या उससे कम है, उसका तबादला नहीं होगा।
-ऐसे दिव्यांग कर्मचारी, जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत या उससे अधिक है, उनके तबादले नहीं किए जाएंगे। यदि वह स्वयं तबादला चाहता है, तो तबादला करने की छूट रहेगी।
ऐसे मिलेगी तबादले में छूट :
-जिस विभाग में 200 कर्मचारी हैं, वहां 20 प्रतिशत।
-जिस विभाग में 201 से 2000 तक होने पर 10 प्रतिशत।
-जिस विभाग में 2000 से अधिक हैं, वहां 5 प्रतिशत ।