ग्वालियर। दुष्कर्म पीड़िता के साथ थाने में मारपीट के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी टीआई और महिला एसआई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने पुलिस पर टिप्पणी की है कि वह भरोसे के लायक नहीं है और मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। इसके साथ कोर्ट ने एएसपी और सीएसपी को चंबल से बाहर ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं।
क्या था मामला :
एक नाबालिग यहां की सीपी कॉलोनी में गंगा सिंह भदौरिया के घर काम करती थी। काम करने के साथ वो उन्हीं के घर में रहती भी थी। गंगा सिंह के नाती अरविंद भदौरिय और उसके एक दोस्त ने दुष्कृत्य किया। पीड़ता ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी जिसके बाद पुलिस ने आदित्य के दोस्त पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। लेकिन आरोपी के दादा गंगा सिंह भदौरिया के दबाव में पुलिस ने पीड़िता को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पीड़िता ने कहा कि थाने में रात भर झाड़ू और डंडे से उसे और उसके माता-पित को पीटा गया। उसने TI मुरार अजय पवार, SI कीर्ति उपाध्याय पर पीटने का आरोप लगाया।
पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें उसने कहा कि मुरार थाना पुलिस के पास जब शिकायत लेकर पहुंचे तो उल्टा पुलिस नाबालिग को परेशान करने लगी। अवैध रूप से पीड़िता को बंधक बनाए रखा, सबूतों से छेड़छाड़ की। बयान बदलने के लिए पीटा और दबाव भी बनाया।
कोर्ट ने मामले में बुधवार को फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया कि पुलिस ने आरोपी पर तो कार्रवाई नहीं की लेकिन पीड़िता और उसके परिवार को पुलिस प्रताड़ित करने में लगी रही। महिला सब इंस्पेक्टर से लेकर ASP स्तर तक के पुलिस अफसर आरोपी के दादा गंगा सिंह भदौरिया के कहने पर मामले को प्रभावित करते रहे। पुलिस की जांच में दोष है। मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।
कोर्ट के आदेश के बाद क्या होगा :
-ASP शहर सुमन गुर्जर ने आरोपी की मदद की, उनकी भूमिका की जांच होगी। अंचल से बाहर भेजने का आदेश दिया कोर्ट ने।
-CSP आरएन पचौरी ने आरोपियों की मदद की, कोर्ट को गुमराह किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि उन्हें भी अंचल से बाहर ट्रांसफर किया जाए।
– सरोल थाने की थाना प्रभारी प्रीती भार्गव की भूमिका की जांच होगी। मरार थाने से उनके थाने में मामला भेजा गया था।
– मुरार थाना टीआई अजय पवार और सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय ने नाबालिग को अवैध रूप से थाने में बिठाए रखा, इन दोनों पर मामला दर्ज किया जाए।