भोपाल। कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप को परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों के रेंडम सेंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग करा रहा है। एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) को नवंबर 2020 से अब तक करीब 2025 सैंपल भेजे गए हैं। इनमें से 1219 की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। प्रदेश में अब तक 380 सैंपल में तीन प्रकार के वेरिएंट मिले हैं। सबसे ज्यादा 318 सेंपल में डेल्टा (बी.1.617.2) भारतीय वेरिएंट मिला है। 56 नमूनों की सिक्वेंसिंग में अल्फा (बी.1.1.7) यूके वेरिएंट और 6 सेंपल्स की जांच में डेल्टा प्लस (एवाई.1) भारतीय वेरिएंट की पुष्टि हुई है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें तो हर पखवाड़े (15 दिनों में) में प्रदेश के 25 जिलों से करीब 150 सेंपल एनसीडीसी में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। 25 जिलों को 9 सरकारी मेडिकल कॉलेजों की बतौर सेंटिनल लैब लिंक करके सेंपलिंग कराई जा रही है। कोरोना के गंभीर मरीजों, लंबे समय से अस्पतालों में भर्ती, टीकाकरण के बाद संक्रमित, दोबारा संक्रमित मरीजों के सेंपल जिलों से आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव आने पर सेंटिनल लैब को भेजे जाते हैं। सेंटिनल लैब्स से रेंडम 15-15 सेंपल्स को एनसीडीसी भेजा जा रहा है। जांच के बाद रिपोर्ट संबंधित जिले को एनसीडीसी से भेजी जा रही है। जिन मरीजों के सेंपल में म्यूटेशन मिलता है उनकी कॉन्टेक्ट टे्रसिंग कराई जा रही है।

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