इंदौर। मछली पालन उद्योग विभाग ने एक आदेश जारी कर कहा है कि 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्य प्रजनन काल की अवधि होने के कारण इस बंद ऋतु के दौरान मछली मारने, क्रय करने या इन्हें बेचने या पकड़ने या बेचने की चेष्टा करने, परिवहन करने या परिवहन का प्रयास करने पर प्रतिबंध रहेगा। यह आदेश मध्यप्रदेश नदीय नियम 1972 के नियम 3’ 34 धारा (2) के अंतर्गत जारी किया गया है। इस प्रतिबंध का उल्लंघन किए जाने पर एक वर्ष तक के कारावास या पांच हजार रुपये तक के जुर्माने या दोनों दंड दिए जा सकेंगे।

इस संबंध में सहायक संचालक मत्स्योद्योग ने बताया कि छोटे तालाब व अन्य स्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा के अंतर्गत नहीं लिया गया है, के लिए उक्त नियम लागू नहीं होगा।

साथ ही कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे सहकारी समितियों विपणन केन्द्रों, निजी विक्रेताओं से उर्वरक, कीटनाशक, बीज खरीदते समय यूरिया, डीएपी एवं सुपर फास्फेट उर्वरक बैग, बीज एवं कीटनाशक की अच्छी तरह से जांच-परख करने के बाद ही क्रय करें। ख़रीदे गए उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज का पक्का बिल दुकानदार से प्राप्त करें। बिल में दर्शाई गई कीमत से अधिक भुगतान न करें। बिना लायसेंस की दुकानों से कोई भी सामग्री क्रय नही करें।

पंजीकृत उवर्रक, कीटनाशक एवं बीज विक्रेताओं से ही कृषि आदान सामग्री खरीदें। यदि कृषि आदान सामग्री की गुणवत्ता के संबंध में किसी भी प्रकार की शंका होती है अथवा दुकानदार निर्धारित कीमत से अधिक कीमत मांगता है तो कृषक बिना डरे, बिना किसी संकोच के अपने विकासखंड अंतर्गत आने वाले कृषि विभाग के अधिकारी से सम्पर्क कर सूचित कर सकते हैं।

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