मुंबई। कोविड-19 का वायरस तो समय के साथ अपना रूप बदल ही रहा है। महामारी से पीड़ित मरीजों में बीमारी की भयावहता भी बढ़ती जा रही है। पहले जहां हृदय और मस्तिष्क की धमनियों में रक्त के थक्के जम रहे थे अब कोविड मरीजों के आंतों में भी थक्के और गैंग्रीन के मामले भी सामने आ रहे हैं अस्पतालों में लगभग एक दर्जन कोविड मामलों के इलाज के दौरान डॉक्टर्स और सर्जन को मरीजों में जो लक्षण मिले हैं वे आगाह करते हैं कि कष्टदायी और अभी तक न समझी गई पेट दर्द की शिकायतों की जांच की जानी चाहिए।

आंतों के थक्कों वाले रोगी तीव्र मेसेन्टेरिक इस्किमिया का शिकार हो सकते हैं। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें मरीज की मौत हो जाती है आईसीएमआर ने रिसर्चर से मांगा सहयोग इस बीच मेडिकल क्षेत्र में शोध को लेकर काम करने वाली केंद्रीय संस्था आईसीएमआर ने देश भर के स्वतंत्र शोधकर्ताओं को कोविड-19 से संबंधित जानकारी में योगदान देने के लिए अपनी पसंद वाले क्षेत्र में नए रिसर्च करने और नए विचार देने के लिए कहा है। वर्तमान में वायरस के संक्रमण की प्रकृति, टीकों को लेकर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया जैसे विभिन्न पहलुओं से संबंधित जानकारी बहुत ही कम है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि “टीके को लेकर हिचकिचाहट, बीमारी के क्लीनिकल ​​स्पेक्ट्रम और इसकी प्रगति के चालकों को समझना महत्वपूर्ण है। 

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