भोपाल। प्रदेश में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है। इसी बीच मंगलवार रात पुलिस भोपाल जूडा अध्यक्ष डॉ. हरीश पाठक के सिंगरौली स्थित घर पहुंची और उसके माता-पिता पर हड़ताल खत्म करने का दबाव बनाया। भोपाल जूडा के अध्यक्ष के घर पर पुलिस 2 घंटे तक उनके माता-पिता से पूछताछ करती रही। मामले में जूनियर डॉक्टर ने रात 2 बजे एक वीडियो जारी कर कहा कि वह सरकार के दबाव में किसी भी कीमत पर हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।
एक साल से माता-पिता से नहीं मिला
वीडियो में डॉ. पाठक ने कहा कि क्या सरकार इस चीज पर आ गई है कि एक छोटा सा जूनियर डॉक्टर अपने मम्मी-पापा की सेवा नहीं कर सकता। मैं बहुत परेशान हूं कि जिन मां-बाप से एक साल से मिला नहीं हूं, दो-तीन दिन में एक बार बात होती है। उन्होंने रात में 12 बजे फोन किया कि तुम वापस आ जाओ। यह पुलिस, सरकार, प्रशासन तुम्हारा कुछ भला नहीं करेंगी। यह तुम्हें छोड़ों हमें प्रताड़ित कर रहे है। उन्होंने कहा कि कोविड में काम करने के लिए यह इनाम मिला है। अब मैं कुछ नहीं करना चाहता। आज हमारी हर एक देशवासी से यह गुजारिश है कि इस चीज को समझें और हमारा इसमें साथ देते हुए हमारी मजबूरी हमारे काम और हमारे बलिदान की इज्जत करें।
नहीं मिला कोई लिखित आदेश
वीडियो में डॉ. पाठक ने कहा कि पिछले 6 महीने से हम सरकार से अपनी बहुत छोटी मगर अहम मांगों को लेकर चर्चा की। सरकार ने उनको पूरा करने का आश्वासन दिया। 6 मई 2021 को हमारी बैठक में उसे पूरा करने का निर्णय लिया गया, लेकिन कई दिनों तक इसके कोई लिखित आदेश नहीं निकाले। इससे विवश होकर मध्य प्रदेश जूडा एसोसिएशन ने परेशान होते हुए अपनी मांगों को रखने के लिए सरकार से गुजारिश की और काम बंद करने पर मजबूर हो गए। इन चीजों को देखते हुए भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
1 साल से बिना रुके कर रहे काम
वीडियो में डॉक्टर पाठक ने कहा कि पिछले 1 साल से मध्य प्रदेश के पूरे जूनियर डॉक्टर्स बिना थके बिना रुके कोविड के इस महामारी में पूरी जी जान लगाकर काम कर रहे थे। जब बात हमारे सम्मान हमारे अधिकार की आई और हमने इन चीजों को लेकर सरकार के सामने अपनी बातें रखी तो सरकार ने इसे नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए इस हद तक आ चुका है कि वह जिनको कोरोना वारियर्स बोलते हैं आज उन्हीं को नहीं उनके माता-पिता तक को प्रताड़ित करने लगे हैं। डॉक्टर ने पिछले साल भर मौत को बहुत ही नजदीक से देखकर मरीजों का इलाज किया है और उनको मौत के मुंह से निकाला है। साथ ही अपने मित्र परिजन टीचर्स सबको एक-एक करके खोया भी है।
धमकाने पर आई पुलिस– जूडा एसोसिएशन
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि सिर्फ हरीश के घर ही नहीं कई और डॉक्टरों के घर भी सरकार ने आधी रात को पुलिस भेजकर दबाव बनाने की कोशिश की है। उनके माता-पिता को डराया और धमकाया गया कि वह अपने बच्चों को समझाए। ऐसे में यह बड़ा ही अटपटा लगता है जब अपने अधिकारों के लिए ही इस देश में इन डॉक्टर को लड़ना पड़ रहा है जो दूसरों की जान बचाने का काम करते हैं, लेकिन सरकार इस स्तर पर भी आ जाएगी कि अब पुलिस भेजकर डॉक्टरों के माता-पिता को डराया और धमकाया जाए। ऐसा शायद डॉक्टरों ने सोचा भी नहीं होगा।