बलरामपुर।  कोरोना काल में इस प्रकार के कई मामले सामने आए हैं जिन्होंने दिल दहला दिया है। कई जगह नदियों में शव उतराते नजर आए। कहा गया कि सभी शव कोरोना संक्रमित हैं और आर्थिक तंगी की वजह से अंतिम संस्कार न कर पाने की स्थिति में परिजनों ने इन्हें नदियों में प्रवाहित किया। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा। जिसके बाद शवों के प्रवाह पर रोक लगाने के साथ ही जल पुलिस की तैनाती गई। इस बीच उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक वीडियो सामने आया है।  यहां कोरोना पीड़ित के शव को घर ले जा रहे परिजनों ने तुलसीपुर हाईवे पर स्थित राप्ती नदी के सिसई घाट से नदी में फेंक दिया। मामले का वीडियो वायरल हो जाने से प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। 

  जिसके बाद एडीएम ए के शुक्ल ने मामले की जांच सीएमओ को सौंपी। सीएमओ डॉक्टर वी बी सिंह ने बताया कि जांच के बाद यह पता चला है कि शोहरतगढ़ जनपद सिद्धार्थ नगर निवासी प्रेम नाथ मिश्रा को गत 25 मई के दिन सांस लेने में दिक्कत हुई थी। उनके भतीजे संजय कुमार ने प्रेमनाथ को इलाज के लिए जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान 28 मई को प्रेम नाथ की मौत हो गई। 29 मई की दोपहर प्रेमनाथ का शव भतीजे संजय कुमार ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्राप्त किया। वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन हरकत में आ गया। सीएमओ डा. वीबी सिंह का कहना है कि कोविड प्रोटोकाल के तहत प्रेमनाथ का शव परिवारजन को उपलब्ध कराया गया था। सिसई घाट स्थित अंत्येष्टि स्थल पर अंतिम संस्कार की बात पर शव वाहन रोक दिया गया था। शव को पुल से ही नदी में गिरा देने का वीडियो वायरल होने पर मुकदमा लिखाया गया है। देहात कोतवाल विद्यासागर वर्मा का कहना है कि मृतक के भतीजे संजय कुमार समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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