जबलपुर। कोरोना, ब्लैक फंगस, वाइट फंगस के बाद अब क्रीम फंगस लोगों के लिए चुनौती बन रहा है। एक के बाद एक आ रहे वायरस ने न केवल लोगों की परेशानी बढ़ाई है बल्कि मेडिकल साइंस के आगे भी चुनौती खड़ी कर दी है।

जबलपुर के नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में एक 60 साल के मरीज में ब्लैक फांगस के साथ क्रीम फंगस भी मिला है। जिसने डॉक्टर के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। हमने जब इस मामले में मेडिकल कॉलेज में ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर कविता सचदेवा से बात की तो, उनका कहना है कि ह्वाइट फंगस उन मरीजों में पाया जाता है जो लंबे समय से ICU में भर्ती हों। या फिर जिनका ह्यूमन सिस्टम काफी कमजोर हो। 

वीओ 2- डॉक्टर कविता का कहना है कि, ह्वाइट फंगस ज्यादातर एक ही जगह पर रहता है। सफेद और क्रीम फंगस कमजोर मरीजों में फैलने लगता है जिससे मरीज को नुकसान पहुंचना शुरू हो जाता है। डॉ कविता ने बताया कि यह फंगस मरीज के मस्तिष्क या उसके फेफड़ों में पहुंच जाएं तो यह मरीज के लिए ज्यादा नुकसानदायक होता है। डॉक्टर का कहना है कि यदि समय रहते इसे रोका नहीं गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। क्रीम फंगस वाइट फंगस से कम नुकसान दे रहा है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि, इसका समय रहते सही इलाज किया जाए वरना यह भी कमजोर मरीज को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

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