नयी दिल्ली. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि देश भर में कम से कम 577 बच्चों ने 1 अप्रैल से 25 मई के बीच कोरोना संक्रमण  के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को सभी अनाथ हुए बच्चों का ध्यान है और उनके संरक्षण के लिए काम किये जा रहे हैं. ऐसे बच्चों की काउंसलिंग की जरूरत पर भी ध्यान दिया जा रहा है. सभी बच्चे जिला स्तर पर संरक्षण में हैं.

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हुए हैं, जिसमें अनाथ हो चुके बच्चों को गोद लेने की अपील की जा रही है. ऐसे में सरकार ने अवैध तरीके से गोद लेने को लेकर लोगों को आगाह किया है. ईरानी ट्विटर पर लिखा कि केंद्र सरकार हर उस बच्चे के सहयोग और संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्होंने कोविड-19 बीमारी के कारण अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है.

राज्यों का कहना है कि ऐसे अनाथ बच्चे अकेले नहीं हैं. जिला प्रशास के सहयोग से वैसे बच्चों को संरक्षण प्रदान किया गया है. ईरानी ने कहा कि राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) से संपर्क किया गया है. ऐसे बच्चों को अगर किसी भी प्रकार के काउंसलिंग की जरूरत होगी तो सरकार उसकी व्यवस्था करेगी. बच्चों के उत्थान के लिए धन की कोई कमी नहीं है.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, अनाथ बच्चों का पुनर्वास उनके विस्तारित परिवारों या चाइल्ड केअर संस्थानों में किया जा रहा था. अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय सभी से ऐसे बच्चों के बारे में चाइल्ड केअर हेल्पलाइन नंबर 1098 पर रिपोर्ट करने का आग्रह कर रहा है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. सरकार ने कमजोर बच्चों को ट्रैक करने में मदद करने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराया है. हर स्तर पर आवश्यक सहायता सुनिश्चित की जा रही है.

अधिकारी ने बताया कि लोग अनाथ बच्चों पर अपुष्ट डेटा प्रसारित कर रहे थे, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी. हिदुस्तान टाइम्स में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) उन बच्चों की निगरानी और मदद करने के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल डेटाबेस पर काम कर रहा था, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को कोविड -19 में खो दिया था.

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