भोपाल। एमपी में कोरोना की तरह ही ब्लैक फंगस अब विकराल रूप धारण कर रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में वाइट फंगस ने भी दस्तक दे दी है। जबलपुर और ग्वालियर में इसके मरीजे मिले हैं। एमपी सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। अब प्रदेश में इससे पीड़ति मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है।महामारी घोषित होने के बाद प्रदेश सरकार इस बीमारी से पीड़ित लोगों का आंकड़ा इकट्ठा करती है। इसके बाद प्रदेश में अभी तक ब्लैक फंगस के 1044 मरीज मिले हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 610 ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है। महामारी घोषित होने के बाद दूसरे अस्पतालों से भी सरकार को आंकड़े मिल रहे हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि कमजोर इम्युन वाले लोगों पर ब्लैक फंगस ज्यादा अटैक करता है। साथ ही कोविड मरीजों को स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दवाएं ज्यादा दी जा रही हैं। इससे भी उनका इम्युन सिस्टम कमजोर हो रहा है। इसकी वजह से पोस्ट कोविड लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जिलों में मिल रहे मरीजों की जनाकारी सीएमएचओ रख रहे हैं। इन सभी मरीजों का पूरा रेकॉर्ड रखा जा रहा है। ब्लैक फंगस के मरीजों का एमपी में फ्री इलाज हो रहा है। वहीं, इसके इलाज में जरूरी दवाओं की किल्लत भी शुरू हो गई है। पूरे प्रदेश से इसकी शिकायत सामने आ रही है। वहीं, सरकारी स्तर पर ब्लैक फंगस के मरीजों को लगने वाले 24 हजार इंजेक्शन के ऑर्डर दिए गए हैं।
जबलपुर में वाइट फंगस का पहले केस
वहीं, जबलपुर में 55 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 से ठीक होने के बाद ‘व्हाइट फंगस’ संक्रमण का पता चला है। संभवत: इस बीमारी का यह पहला मामला प्रदेश में सामने आया है। जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की डॉ कविता सचदेवा ने बताया कि सिर दर्द और आंखों का दर्द कम नहीं होने पर 17 मई को इस व्यक्ति का ऑपरेशन किया गया था और शुक्रवार को एक जांच में उसकी नाक में व्हाइट फंगस के संक्रमण का पता चला है।