मध्यप्रदेश में मई माह में फिलहाल लॉकडाउन बढ़ना तय है। इसके संकेत मुख्यमंत्री ने दे दिए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश में कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन मई माह में ढिलाई नहीं होगी, बल्कि सख्ती जारी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, एमपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं नहीं होगी। आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाएगा। 12वीं की परीक्षा का फैसला जल्द लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरा अभी टला नहीं है। लिहाजा, कोरोना कर्फ्यू में ढील नहीं दी जाएगी। इसकी शुरुआत भी धार, रतलाम, सिंगरौली और अशोकनगर से हो गई है। यहां 24 मई की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। शादियों व बड़े सार्वजनिक आयोजनों पर लंबे समय तक प्रतिबंध रहेगा।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार देर शाम प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण का साप्ताहिक औसत 14% है। यानी अभी स्थिति सामान्य नहीं है। जिलों में लॉकडाउन जारी करने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप फैसला लें। स्थानीय परिस्थिति और संक्रमण दर देखें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन जिलों में संक्रमण की दर 5% से कम है, वहां क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप गंभीरता से विचार करें कि छूट कितनी और कब देना है। क्योंकि जरा सी लापरवाही के चलते संक्रमण फिर बढ़ सकता है।

छूट देने के लिए शासन को भेजें प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन जिलों में संक्रमण की दर कम है। वहां शनिवार व रविवार को बैठक कर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजें। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत निशुल्क इलाज की मॉनिटरिंग भी जिला क्राइसिस ग्रुप को करना है।

12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं भी टालीं

माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं प्रायोगिक परीक्षाओं को अगले आदेश तक टाल दिया है। ये परीक्षाएं 20 मई को होने वाली थीं। मंडल के आदेश के अनुसार परीक्षाओं की तारीख के बारे में बाद में घोषणा की जाएगी। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच 10वीं का रिजल्ट CBSE की तर्ज पर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बनाने सहमति बन चुकी है। ये निर्णय एमपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर 28 अप्रैल को औपचारिक बैठक में लिया जा चुका है। दरअसल,10वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट दूसरे राज्यों यानी महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में सीबीएसई बोर्ड के स्कूल में एडमिशन लेते हैं, इसलिए भविष्य को ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लिया गया है।

एंटी ब्लैक फंगस इंजेक्शन सरकार उपलब्ध कराएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज सरकार नि:शुल्क कराएगी। उन्होंने जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से कहा है कि वे इस बीमारी की दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार एंटी ब्लैक फंगस इंजेक्शन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए कई फार्मा कंपनियों से बात चल रही है।

नीम-हकीम से इलाज ना कराएं
मुख्यमंत्री ने कहा किकई ग्रामीण इलाकों से खबरें आ रही हैं कि झोलाछाप डॉक्टर व नीम-हकीम कोरोना का इलाज कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि ऐसे लोगों से इलाज ना कराएं। ब्लॉक व ग्राम क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप इस पर ध्यान दें।

मुख्यमंत्री के निर्देश

  • ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या का निराकरण करने की जिम्मेदारी क्राइसिस मैनजमेंट ग्रुप की होगी। प्रभारी मंत्री व सांसद इस पर ध्यान दें।
  • हर गांव में स्वास्थ्य समिति बनेंगी, जिसमें 3 जनप्रतिनिधि और 3 सरकारी विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे।
  • जिन गांवों में संक्रमण ज्यादा है, वहां मनरेगा की मजदूरी का काम रोक दें।
  • जिन परिवारों में आयुष्मान कार्ड नहीं है, कलेक्टर जल्दी से जल्दी उनके कार्ड बनवा कर दें।
  • कोरोना वॉरियर के रजिस्ट्रेशन कराएं। इसके साथ ही इनके सम्मान की योजना शासन स्तर पर तैयार की जाए।

कोरोना की तीसरी लहर आने पर तैयारी

  • 8-8 सौ डॉक्टर, नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती होगी।
  • 5 हजार ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाएंगे।
  • 1 हजार आईसीयू बेड बढ़ाने का निर्णय।
  • 500 आईसीयू व ऑक्सीजन बेड बच्चों के लिए रिजर्व हाेंगे।
  • 5.29 करोड़ वैक्सीन के डोज का ऑर्डर दिया गया।
  • हर जिले में पोस्ट कोविड सेंटर खोले जाएंगे।

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