जालंधर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करके आदेश दिया है कि अब साधुओं और संत समाज को बिना सरकारी पहचान पत्र के ही कोरोना वैक्सीन लग सकेगी। पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सलिल जैन ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को ज्ञापन सौंप कर जैन साधुओं को बिना सरकारी दस्तावेज से कोरोना वैक्सीन लगाये जाने की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि जैन साधुओं की आध्यात्मिक जीवन शैली होती है। जैन संतों के पास न अपना मकान होता है, न कोई गाड़ी। जैन संतों का न कोई स्थायी पता होता है, वे सिर्फ पद यात्री होते हैं। इसलिए जैन संतों के पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस,पासपोर्ट जैसा कोई भी सरकारी दस्तावेज नहीं होता। 

  जैन ने कहा कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार कोरोना वैक्सीन का प्रचार एवं प्रसार कर रही है। इसलिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन, पंजाब कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिधू से मांग की थी कि जैन साधुओं की चर्या और आध्यात्मिक साधना को ध्यान में रखते हुए सभी अस्पतालों को निर्देश दिए जाएं कि जैन साधुओं को कोरोना वैक्सीन बिना किसी सरकारी दस्तावेज से लगाई जाए। उन्होंने बताया कि सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से नोटिफिकेशन जारी कर आदेश दिए गए कि अब साधुओं और संत समाज को बिना सरकारी पहचान पत्र से कोरोना वैक्सीन लग सकेगी।

  जैन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के इस फैसले के लिए सकल जैन समाज की ओर से आभार व्यक्त किया है। उन्होने कहा कि संत समाज को वैक्सीन लगाने से समाज में भी नई प्रेरणा आएगी और इससे जैन समाज का हर व्यक्ति सरकार द्वारा शुरू किए गए अश्वमेघ यज्ञ में आहुति डालने से वंचित नहीं रहेगा। 

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