भोपाल। छतरपुर जिले के बक्स्वाहा जनपद के ग्राम पंचायत सेडारा के मजदूर जगमोहन केसर पिछले कई दिनों से तालाब निर्माण में काम कर रहे हैं। कल्लोबाई और भरमी बाई भी रोजगार मिलना स्वीकार करती हैं। रोजगार सहायक विमलेश लोधी बताते हैं कि मजदूरों को समय पर भुगतान हो रहा है। शिवपुरी जिले के ग्राम पंचायत दिदावली के पंचायत सचिव कमल सिंह गुर्जर के अनुसार चेक डेम का काम चल रहा है। कोरोना काल में मजदूरों को रोजगार मिलने की मुख्यालय से हर दिन मॉनीटरिंग की जा रही है। अचानक किसी साहब का फोन आता है और कार्यों व मजदूरी की जानकारी ली जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते कई विभागों के निर्माण कार्य लगभग बंद हैं। ऐसे में मनरेगा वरदान साबित हो रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर की गई मॉनीटरिंग से खुलासा हुआ है कि मप्र की 22,810 पंचायतें, 20.82 लाख मजदूरों को काम देकर देश में नंबर वन पर हैं,जबकि उत्तरप्रदेश में 58,896 ग्राम पंचायतें महज ढाई लाख मजदूरों को ही काम दे पाई हैं। यूपी, देश में 13वें स्थान पर है। राजस्थान की 11,350 ग्राम पंचायतें 19,86,882 मजदूरों को रोजगार देकर दूसरे नंबर पर हैं। प्रदेश में पहले ही बना ली गई थी रणनीति प्रदेशभर में जॉबकार्ड धारियों को रोजगार देने के लिए कोरोना संक्रमण बढ़ने के पहले ही रणनीति बना ली गई थी। यहां कैच द रैन अभियान शुरू किया गया। जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की स्थिति है वहां हितग्राही मूलक जैसे कपिल धारा कूप, खेत तालाब, भूमि सुधार, प्रधानमंत्री आवास कार्य हो रहे हैं। सामुदायिक कार्यों में बड़े तालाब, सामुदायिक पोषण वाटिका, अनाज भंडारण और चबूतरा निर्माण के कार्य चल रहे हैं। जनपद तथा जिला स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित किए गए हैं जिससे प्रवासी श्रमिक रोजगार की मांग कर सकें।

807 करोड़ की मजदूरी भुगतान

इस वर्ष अबतक 31.65 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया गया है और इन्हें 807 करोड़ रुपए की मजदूरी दी गई। केन्द्र सरकार की मजदूरी मद से मिले 324 करोड़ रुपए मजदूरों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। इसके अलावा मजदूरी के बकाया 507 करोड़ की राशि केन्द्र सरकार से मांगी गई है।

1.67 लाख नए काम प्रारंभ किए गए

इस साल 1,67,243 नए काम शुरू किए गए हैं। प्रमुख जोर आदिवासी इलाकों पर दिया गया। बालाघाट जिले में 12,961, बड़वानी 8,027, धार 10,379, डिंडोरी 8,546, कटनी 13,872, मंडला 6,503, शहडोल 6,949 और छिंदवाड़ा जिले में 5,383 काम शुरू किए गए हैं। बीते साल 15 लाख 73 हजार 886 मजदूरों को काम दिया गया था।

पिछले साल से पांच लाख अधिक मजदूरों को काम

पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष पांच लाख से अधिक मजदूरों को काम दिया है। कैच द रेन अभियान चला रहे हैं। देश में नम्बर एक बने रहना खुशी की बात है। कर्मचारियों को कोरोना योद्वा घोषित करने को लेकर भी विचार चल रहा है। सूफिया फारूकी वली, आयुक्त मनरेगा

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