मिनिषा लांबा ने बताया, मेरी मम्मी मेरे साथ हमेशा बड़ों जैसी बातें करती आई हैं। उन्होंने कभी मुझे बच्चा नहीं समझा। वे जिस तरह से लाइफ के बारे में बातें करती थीं, सलाह देती थीं। ऐसी सलाह देती थीं, जैसे छोटी बहन को सलाह दे रही हों। बहुत जल्दी चीजों को मेरी मां ने मुझे समझाया, जो मेरे लिए अर्ली लाइफ में बहुत मददगार साबित हुआ। मैं जल्दी मैच्योर हो गई। चीजों के बारे में जल्दी समझ आ गई, क्योंकि मेरी मां ने बच्ची की तरह ट्रीट नहीं किया। फिल्म लाइन में आने का फैसला हो या फिर लाइफ में हस्बैंड से अलगाव की बात हो, मां की सीख कितनी काम आई? इसके जवाब में मिनिषा लांबा ने कहा, मां ने हमेशा सपोर्ट किया। मेरी खुशी के लिए साथ खड़ी रहीं। मम्मी-पापा का सपोर्ट ही था कि 18 साल की उम्र में घर से निकली। कॉलेज करने गई, तब दिल्ली में अकेली रहती थी। उसके बाद मुंबई करियर बनाने आ गई। इस तरह बहुत जल्दी आत्मनिर्भर हो गई थी। मां हमेशा यही समझाती थी कि अगर लाइफ में काम करना चाहती हो, डिसीजन खुद लेना चाहती हो, तो आप में आत्मविश्वास होना चाहिए।