विदिशा। मध्य प्रदेश के कई जिलों में झोलाछाप डॉक्टर महामारी के इस समय में लोगों का इलाज कर रहे हैं। आगर मालवा जिले में इस तरह का मामला सामने आ चुका है। अब विदिशा में पता चला है कि एक शख्स बिना किसी डिग्री के लोगों का इलाज कर रहा है। पूछने पर उसने कहा कि हमारे पिताजी डॉक्टर हैं।दरअसल, विदिशा जिले के नटेरन ब्लॉक के ग्राम वर्धा के खेतों में पेड़ पर स्लाइन लटकाकर और यहां छोटे-छोटे पलंग डालकर कथित डॉक्टर धड़ल्ले से अपने पिता की डिग्री पर मरीजों का इलाज कर रहा है। खेत में एक अस्पतालनुमा बिल्डिंग भी बनी हुई है। साथ ही कबाड़खाने में दवाई-इंजेक्शन के ढेरों बॉक्स भरे पड़े हुए हैं। इसमें मेडिकल दुकान की तरह ही एक टेबल पर भी दवाई-गोलियां रखी हुई हैं।
जब एक व्यक्ति ने डॉक्टर से पूछा कि आपके पास कौन सी डिग्री है तो कथित डॉक्टर अब्दुल करीम खान ने जवाब में कहा कि- हमारे पिताजी की डिग्री है ना…. हमारे पास तो कोई डिग्री नहीं है। इनका कहना है कि लोगों को कमजोरी होती है तो ड्रिप चढ़ा देते हैं और थोड़ा बहुत कोरोना का इलाज भी कर देते हैं।
खेत में पेड़ से लटका कर चढ़ा रहे सलाइन बॉटल
इससे पहले मध्य प्रदेश के आगर मालवा में झोलाछाप डॉक्टर के खेतों में मरीजों का इलाज करने का मामला सामने आया था। वहां भी पेड़ पर सलाइन की बोतल लटका कर मरीजों को चढ़ाई जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को खांसी जुकाम आने पर इस बात का डर सता रहा है कि शहर जाएंगे तो उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा इसलिए वो गांव के झोलाछाप डॉक्टरों के पास इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शहर में प्रशासन की तरफ से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई भी जारी है लिहाजा प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर ऐसे झोलाछाप खेत में मरीजों का इलाज कर रहे हैं। झोलाछाप डॉक्टरों की यह करतूत प्रशासन को जैसे ही पता चली, इसे रुकवाया गया है। बीएमओ मनीष कुरील ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर जो ग्रामीण इलाकों में इस तरह इलाज कर रहे हैं, उन पर पहले भी कार्रवाई की गई है। इस मामले में भी कार्रवाई कर रहे हैं।