भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन गाँवों में कोरोना संक्रमण है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को सख्ती से रोका जाए। गाँव-गाँव समितियाँ बनाई जायें तथा घर-घर सर्वे कर प्रत्येक मरीज की पहचान कर तुरंत उपचार किया जाये।

चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड उपचार  योजना का तत्काल क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाये एवं इसका लाभ पहले से भर्ती मरीजों को भी दिया जाये। इस योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा प्रतिदिन की जायेगी।

चौहान ने कहा कि नकली दवा बेचने वालों, कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई हो। इनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाये। ये मानवता के दुश्मन हैं। अधिक शुल्क वसूलने वाले अस्पतालों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाये, साथ ही अधिक वसूल की गई राशि वापस दिलाई जाये। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों से प्रभारी मंत्री, कोरोना के प्रभारी अधिकारी, कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने पर 20 व्यक्तियों के विरुद्ध तथा ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने पर एक व्यक्ति के विरुद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। इसी प्रकार अधिक शुल्क वसूलने पर 61 स्वास्थ्य संस्थाओं/व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। 

इनसे 7 लाख 34 हज़ार रुपये की राशि मरीजों के परिजनों को वापस दिलाई गई है। इनमें से दो संस्थाओं का लाइसेंस निरस्त किया गया है तथा 22 व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के लिए एक विशेषज्ञों की समिति बनाई जाये, जो यह अध्ययन करेगी कि प्रदेश में इसकी क्या संभावना है तथा  इसके लिए क्या-क्या तैयारियाँ एवं व्यवस्थाएँ की जानी चाहिये। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना को अधिक से अधिक मजबूत बनाया जाये। मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर उत्पादन के भी प्रयास किए जायें। हर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लग जायें, ऐसे प्रयास करें। निज़ी उद्यमियों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए प्रेरित करें, इसके लिए सरकार अनुदान दे रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए गाँव-गाँव, शहर-शहर में किल कोरोना अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत गाँवों में घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान कर उनका इलाज किया जा रहा है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में जोन और क्षेत्रवार कोरोना सहायता केंद्र बनाये जाकर स्वास्थ्य जाँच, मेडिकल किट वितरण आदि की व्यवस्था की जा रही है। 

प्रदेश में कोरोना के नए 11 हजार 708 प्रकरण आए हैं।  एक्टिव प्रकरणों की संख्या 95 हजार 423 है। पिछले 24 घंटे में 4815 मरीज स्वस्थ हुए हैं।  साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 19.4 प्रतिशत है एवं 12 हजार 270 औसत प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं। प्रदेश के 14 जिलों में 200 से अधिक नए प्रकरण आये हैं। इंदौर में 1753, भोपाल में 1576, ग्वालियर में 910, जबलपुर में 795, रतलाम में 380, उज्जैन में 370, रीवा में 309, शिवपुरी में 298, सतना में 242, नरसिंहपुर में 239, धार में 231, सागर में 231, सीहोर में 206 एवं सिंगरौली में 204 नये प्रकरण आये हैं।

चौहान ने निर्देश दिए कि सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर्स पर ध्यान दिया जाये एवं जिन मरीजों के घर पर होम आइसोलेशन की व्यवस्था नहीं है अथवा स्थान कम है, उन्हें कोविड केयर सेंटर्स में शिफ्ट किया जाए। राजगढ़ जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वहाँ कुछ लोग कोरोना को टाइफाइड मानकर उसका इलाज कर रहे हैं एवं इसके लिए झाड़-फूँक भी करवा रहे हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिये कि कोरोना के इलाज में किसी प्रकार की भ्रांति नहीं होनी चाहिये। थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा सिद्ध हो सकती है। लक्षण दिखने पर पहले दिन से ही उसका इलाज कराया जाए, अँधविश्वास में बिल्कुल न रहें।

चौहान ने सीधी जिले की समीक्षा के दौरान ज़िला अस्पताल की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किये जाने के निर्देश दिए। विदिशा जिले के 272 गाँव, राजगढ़ जिले के 189 गाँव एवं सीधी जिले के 245 गाँव में कोरोना संक्रमण होने से वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण सख्ती से रोकने के निर्देश दिए गये। सिंगरौली जिले की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 30.5 फीसदी पाये जाने पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश दिये गये।

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