भोपाल। मप्र सरकार ने आज प्रदेश के अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा करते हुए कहा है कि हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है।गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हर मोर्चे पर काम कर रही है। यही नहीं सरकार के साथ चिकित्साकर्मी, पुलिसकर्मी कंधें-से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। साथ ही शासन-प्रशासन की कोविड गाइडलाइन को जनता तक पहुंचाने का काम मीडिया कर रहा है। इसको देखते हुए सरकार ने चिकित्साकर्मियों और पुलिसकर्मियों की तरह अब अधिमान्य पत्रकारों को भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर दिया है। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गतदिनों सरकार को पत्र लिखकर मीडिया कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग की थी। वहीं भाजपा के नेता भी इस मांग पर जोर दे रहे थे।

प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास ने कहा कि सरकार के प्रयास के कारण संक्रमण की चेन को कम करने में सफल हुए हैं। लेकिन, यह खुशी मनाने का समय नहीं है। सारंग ने कहा है कि प्रदेश में जल्द ही 18 साल से ज्यादा उम्र के युवाओं को भी वैक्सीन लगना शुरू कर दिया जाएगा. अगले 48 घंटे के अंदर हम केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा युवा आगे आएं और रजिस्ट्रेशन करवाएं। सारंग ने कहा कि सरकार के प्रयास के कारण संक्रमण की चेन को कम करने में सफल हुए हैं, लेकिन यह खुशी मनाने का समय नहीं है। हमें एकजुट होकर कोरोना को हराना है। यह तभी संभव है, जब लोग कफ्र्यू के नियमों का पालन करें। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, आज कोरोना के केसों में कमी आने से कुछ राहत है। पिछले दिनों से आज स्थिति में कोरोना का पॉजिटिव रेट कम हुआ है, रिकवरी रेट बढ़ा है। बिस्तर और ऑक्सीजन की आपूर्ति को हर स्तर पर सुनिश्चित किया है। 

मध्य प्रदेश सरकार के लाख जतन के बावजूद कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा। भोपाल कलेक्टर ने शहर में कफ्र्यू को 3 से 10 मई तक बढ़ा दिया है। कलेक्टर ने रविवार शाम इसके आदेश जारी किए। आदेश के मुताबिक, कोराना कफ्र्यू को और भी सख्त किया जाएगा। जरूरी चीजों की पूर्ति होती रहेगी, जबकि बेवजह घूमने पर पाबंदी होगी।वहीं, दूसरी ओर प्रदेश में अब कोरोना मरीजों की पहचान के लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा। सर्वे में मिले मरीजों को मेडिकल किट दी जाएगी। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। निर्देश के मुताबिक, घर-घर सर्वे के दौरान जैसे ही कोई मरीज मिलता है, उसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाएगा। ताकि, सही समय पर इलाज होने से बीमारी को और घातक होने से रोका जा सके, प्रदेश में ‘अर्ली डिटेक्शन एंड क्योरÓ की रणनीति पर काम करने की रुपरेखा तैयार हो गई है।

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