मतगणना के रूझानों से यही पता चल रहा है कि कांग्रेस को पांच राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि सबसे चौंकाने वाली बात पार्टी को केरल में मिल रही हार है, जहां एलडीएफ या वाम लोकतांत्रिक मोर्चा लगातार दूसरी बार जीत हासिल की इतिहास रचने जा रही है. पार्टी को केरल से मिला यह झटका अहम है क्योंकि पार्टी के नेता राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं उनके करीबी लेफ्टिनेंट के.सी. वेणुगोपाल भी उसी राज्य से हैं.
रुझानों के मुताबिक, पुडुचेरी में भी एनडीए कांग्रेस से आगे है. कांग्रेस के लिए अब एक मात्र रास्ता तमिलनाड़ु का ही है, जहां गठबंधन वाली सरकार को जीत मिलने के आसार है, हालांकि कांग्रेस की दावेदारी यहां कम ही है. एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 140 सदस्यीय केरल विधानसभा में वाम मोर्चा 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ 58 भाजपा दो सीटों पर आगे है. एक्जिट पोल के निष्कर्षों ने न्यूनतम 75 सीटों अधिकतम 120 सीटों के साथ पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे की जीत की भविष्यवाणी की है. वहीँ इस बीच चुनाव आयोग ने रविवार को सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे उम्मीदवारों की जीत का जश्न मना रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करें.
यह आदेश तब आया, जब असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल पुडुचेरी में पिछले महीने चुनाव संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है. गिनती पूरी होने से पहले चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि उसने कई जगहों पर जीत का जश्न मनाने के लिए लोगों के जमा होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों (Chief Secretary of States ) से कहा है कि ऐसी स्थिति में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की जाए तथा थाना प्रभारी को निलंबित किया जाए.
कई जगहों पर जीत का जश्न मनाए जाने की खबरों के संबंध में आयोग के एक प्रवक्ता कहा कि निर्वाचन आयोग ने लोगों के जमा होने जश्न मनाने संबंधी कुछ खबरों का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराएं. 27 अप्रैल को चुनाव आयोग ने कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर भीड़ जमाकर जीत का जश्न बनाने विजय जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी थी. पूरे देश में कोविड मामलों में उछाल के मद्देनजर, आयोग ने मतगणना की प्रक्रिया के दौरान अधिक कड़े प्रावधान करने का निर्णय लिया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि 2 मई को मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस नहीं होगा.