भोपाल । प्रदेश में मौजूदा हालात में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। सरकार ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने की हर संभव कोशिश कर रही है। इसके बावजूद भी प्रदेश के किसी न किसी जिले में रोजाना ऑक्सीजन की कमी से लोगों के मौत की खबरें आ रही हैं। इस बीच यह राहत देने वाली खबर है कि अगले 24 दिनों के भीतर प्रदेश में ऑक्सीजन का संकट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। 23 मई तक प्रदेश के 37 जिलों में ऑक्सीजन के प्लांट शुरू हो जाएंगे। तब दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन नहीं बुलानी पड़ेगी। मप्र में ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए प्लांट लगाने का काम जारी है। प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से 58 प्लांट स्थापित किए जाने हैं। इनके लिए कंपनियों को काम सौंपा जा चुका है। ऑक्सीजन उत्पादन के लिए तारीख भी तय कर दी गई हैं। इनमें से पांच प्लांट के लिए राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी। छह प्लांट से उत्पादन शुरू हो गया है।
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं। दवाओं, बेड, अस्पताल एवं अन्य उपचार सामग्री से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग रही। इसके बाद सरकार का पूरा फोकस जरूरी इंजेक्शन, दवाई और ऑक्सीजन पर रहा है। ऑक्सीजन के लिए सभी जिलों में प्लांट लगाने का काम चल रहा है। प्रदेश के 8 जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 6 प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। जबकि बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर शामिल हैं। इनमें 5 करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के पीएसए तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। जो 16 मई तक उत्पादन शुरू कर देंगे। बताया गया कि प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। इनमें से प्रथम चरण में 16 मई तक 13 जिलों में प्लांट प्रारंभ हो जायेंगे। द्वितीय चरण में 9 जिलों में प्लांट 23 मई तक चालू हो जायेंगे। तृतीय चरण में शेष 15 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट्स 20 जुलाई तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है। खंडवा और सारणी थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से 7 हजार लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले 3 सप्ताह में तैयार हो जाएंगे।
ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जा रही
मप्र में कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर संघर्ष जारी है। संक्रमितों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है। राज्य शासन की दोहरी रणनीति है, जिसमें एक ओर संक्रमण को बढऩे से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जा रही है। दरअसल, सरकार ने फार्मूला बनाया है कि जहां ऑक्सीजन मिलेगा, वहीं अस्पताल बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि, कोरोना संक्रमितों के उचित उपचार तथा संक्रमित व्यक्तियों को पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था के उद्देश्य से बीओआरएल (भारत ओमान रिफाइनरीज लिमिटेड) के पास करीब पांच सौ मीटर की दूरी पर ग्राम चक्क (आगासोद) में एक हजार पलंग की क्षमता वाला एक अस्थाई अस्पताल बनाया जा रहा है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निर्देश दिए गए थे कि इस दिशा में युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ किया जाए। कोविड संक्रमितों के इलाज हेतु ग्राम चक्क में बन रहे इस अस्पताल में अन्य सुविधाओं के साथ मुख्य रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी। बीना रिफाइनरी के ऑक्सीजन प्लांट से इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में परिवर्तित कर रिफाइनरी से अस्थाई अस्पताल तक मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार बनी रहेगी।