देश में कोरोना की दूसरी लहर दिनों-दिन भयावह होती जा रही है। सोमवार को कोविड-19 के 3,52,991 मामले सामने आए, साथ ही 2,812 लोगों की एक दिन में मरने का रिकॉर्ड भी बन गया। कोरोना के कारण हालात काफी खराब हैं। कुछ शहरों में कोविड -19 की वजह से स्थिति गंभीर बनी हुई है। सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी करते हुए लोगों को घर में भी मास्क लगाने को कह दिया है। वहीं भारत में सात दिनों में पहली बार 22.49 लाख मामले दर्ज हुए हैं जो अब तक की सबसे तेज गति है।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश ने कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। साथ ही सरकार ने लोगों से अपील की है कि वर्तमान में कोरोना की स्थिति से घबराएं नहीं, अनावश्यक तनाव ज्यादा घातक है।

पंजाब में शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू
बढ़ते कोरोना वायरस से निपटने के लिए पंजाब सरकार ने शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक रात के कर्फ्यू की घोषणा की। साथ ही पंजाब सरकार ने शाम 5 बजे तक दुकानें बंद करने का आदेश दिया और रात्रि के कर्फ्यू को दो घंटे बढ़ा दिया, अब आठ बजे की जगह छह बजे ही कर्फ्यू लगा दिया जाएगा।

केरल ने लगाए कड़े प्रतिबंध
केरल सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक में सिनेमाघर, मॉल, जिम बंद रहेंगे साथ ही राज्य पूर्ण तालाबंदी नहीं करने का निर्णय लिया है। वहीं साप्ताहिक प्रतिबंध और कड़े होंगे। केरल में अब दुकानों को केवल शाम 7:30 बजे तक संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।

केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 21,890 नए मामले आने के साथ ही राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 14.27 लाख तक पहुंच गई। संक्रमण के नए मामलों में 70 स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के 28 मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,138 हो गई। इसी अवधि में 7,943 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई, जिसके साथ ही अब तक 11,89,267 लोग संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। विजयन ने कहा कि केरल में सोमवार को 96,378 नमूनों की जांच की गई। राज्य में फिलहाल 2,32,812 मरीज उपचाराधीन हैं।

आंध्र प्रदेश में जिम, स्विमिंग पूल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रहेंगे बंद
आंध्र प्रदेश सरकार ने सोमवार को राज्य में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, जिम, स्विमिंग पूल और स्पा को बंद करने का आदेश दिया। वहीं सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों और सिनेमाघरों को केवल 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ संचालित किया जाएगा।

साथ ही किसी भी सभा में 50 से अधिक लोगों को नहीं होना चाहिए। यहां तककि सभा में शामिल उन 50 लोगों को कोविड -19 की गाइडलाइंस का पालन करना होगा जैसे कि मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना।

आंध्र प्रदेश में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 9,881 नए मामले सामने आए, जिसके बाद संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10,43,441 हो गई। प्रदेश में इसी अवधि में कोविड-19 के 51 और मरीजों की मौत के बाद इस घातक वायरस से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 7,736 तक पहुंच गई।

स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में इसी अवधि में 4,431 लोगों के स्वस्थ होने के बाद ठीक हुए लोगों की संख्या बढ़कर 9,40,574 हो गई है। आंध्र प्रदेश में 95,131 मरीज उपचाराधीन हैं जबकि पिछले 24 घंटे में 74,000 से अधिक नमूनों की जांच की गई।

कर्नाटक में आज से 14 दिन का पूर्ण लॉकडाउन

कर्नाटक में आज से 14 दिन का पूर्ण लॉकडाउन रहेगा। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सोमवार को इसका एलान किया। यह लॉकडाउन मंगलवार रात 9 बजे से लागू होगा। यहां पिछले 20 दिनों में कोरोना के रोजाना मामलों में 6.5 गुना तक की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है। लॉकडाउन के दौरान लोगों को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही जरूरी सामान की खरीदारी करने की इजाजत होगी। इस दौरान आपातकालीन और जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रहेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 18 से 45 साल तक के लोगों को मुफ्त टीका लगवाने का भी एलान किया।

चार माह के लिए खुला स्टरलाइट संयंत्र
तमिलनाडु सरकार ने वेदांता के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट संयंत्र को आंशिक तौर पर खोलने की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य सरकार ने संयंत्र को चार महीने के लिए ऑक्सीजन उत्पादन करने की मंजूरी दी। राज्य सरकार ने मई, 2018 में स्टरलाइट के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत के बाद संयंत्र को बंद कर दिया था।

सरकार ने कहा- अब वक्त आ गया है कि घर में भी मास्क पहनें, किसी मेहमान को न बुलाएं

कोरोना वायरस की बेकाबू रफ्तार को देखते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को चेताया है कि वक्त आ गया है कि लोग अब घर में भी मास्क पहनें। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा, यह भी ध्यान रखें कि मेहमानों को घर पर न बुलाएं। मौजूदा हालात को लेकर अनावश्यक डर न पैदा करें। बेवजह की घबराहट से फायदे के बजाय नुकसान ज्यादा होता है।

एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. पॉल ने टीका लगवाने पर जोर देते हुए कहा, महामारी की बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए हमें टीकाकरण को और तेज गति से आगे लेकर जाना होगा। हम टीकाकरण की गति को धीमा नहीं होने दे सकते। वहीं, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, डर की वजह से बहुत से लोग पहले ही अस्पतालों में बेड सुरक्षित कर ले रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही भर्ती हों। डॉ पॉल ने कहा, रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए।

कॉन्फ्रेंस में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, इस घबराहट के कारण लोग घर पर दवाएं जमा करने लगते हैं और इससे बाजार में जरूरी दवाओं की बेवजह कमी हो रही है। कई लोग सोचते हैं कि कोरोना है तो मैं पहले दिन ही सारी दवाई शुरू कर लेता हूं, इससे दुष्प्रभाव ज्यादा होते हैं। जो भी कोरोना पॉजिटिव आता है, वह यह सोचता है कि कहीं मुझे बाद में ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न पड़े, इसलिए मैं अभी भर्ती हो जाता हूं। इससे अस्पतालों के बाहर बहुत भीड़ हो जाती है और वास्तविक मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है।

ऑक्सीजन संकट: न्यायोचित तरीके से इस्तेमाल करें और बर्बादी रोकें अस्पताल
ऑक्सीजन संकट पर सरकार ने कहा, देश में पर्याप्त ऑक्सीजन है, मगर सबसे बड़ी चुनौती इसे अस्पतालों को पहुंचाने की है। सरकार इसके लिए हरसंभव कदम उठा रही है। सरकार ने अस्पतालों से कहा कि न्यायोचित तरीके से ऑक्सीजन का इस्तेमाल करें और इसकी बर्बादी रोकें।

आठ मई तक हर दिन करीब साढे़ चार लाख मामले, 15 मई तक 48 लाख संक्रमित

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि मई के मध्य तक कोरोना की दूसरी लहर का चरम आ सकता है। अब उन्होंने अपने पूर्वानुमान में संशोधन करते हुए एक गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सक्रिय मामलों की संख्या 14 से 18 मई के बीच चरम पर पहुंचकर 38-48 लाख हो सकती है। चार से आठ मई के बीच हर दिन 4.4 लाख तक लोग संक्रमित हो सकते हैं। आईआईटी कानपुर और हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने ‘सूत्र’ नाम के मॉडल का इस्तेमाल करते हुए नए पूर्वानुमान में समयसीमा और मामलों की संख्या में सुधार किया गया है। बीते हफ्ते ही वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान में आशंका जताई थी कि 11 से 15 मई के बीच महामारी चरम पर पहुंच सकती है और सक्रिय मामलों की संख्या 33-35 लाख तक हो सकती है तथा मई के अंत तक इसमें तेजी से कमी आएगी।

सेना ने हालात संभालने के लिए रिटायर चिकित्साकर्मियों को बुलाया
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कोरोना के हालात को लेकर पीएम मोदी से मुलाकात की। इस दौरान कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और तैयारियों की समीक्षा की गई। सीडीएस रावत ने पीएम को बताया कि बीते दो वर्षों में सशस्त्र बलों से रिटायर हुए या समय से पहले रिटायरमेंट लेने वाले सभी चिकित्सा कर्मियों को कोविड केंद्रों में काम करने के लिए बुलाया जा रहा है। उनके काम करने की जगह घर से ज्यादा दूर नहीं होगी।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने जारी किए आदेश, चार श्रेणियों में मरीजों को बांटा
दिल्ली में कोरोना मरीजों के अस्पतालों में दाखिले के लिए नियम तय कर दिए गए हैं। इसके तहत अब अस्पतालों में कोरोना के सामान्य लक्षण वाले मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। सिर्फ गंभीर लक्षण वाले रोगियों को ही अस्पताल दाखिला दे सकेंगे। इस बाबत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक नूतन मुंडेजा ने तीन स्तरीय दाखिला प्रणाली लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं।

आदेश के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा- निर्देशों के अनुसार मरीजों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसके तहत बगैर लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को या तो घर में आइसोलेशन में रखा जाएगा या फिर कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जा सकता है। इसी तरह से बुखार जैसे सामान्य लक्षण वाले मरीजों को भी होम आइसोलेशन या फिर कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा।

ऐसे मरीज जिन्हें निमोनिया हो चुका है और ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे है, उन्हें कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती किया जाएगा। जिन मरीजों का ऑक्सजीन का स्तर 90 से नीचे आ चुका है और सांस संबंधी दिक्कतें शुरू हो गई हैं। उन्हें कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। इनके अलावा अगर कोई एचआइवी या कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित, 60 साल से अधिक उम्र के मरीजों और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित कोरोना संक्रमित को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा।

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