जबलपुर ! डीमैट परीक्षा के संबंध में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए म.प्र उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस अजय मानिकराव खानविलकर व जस्टिस के के त्रिवेदी की युगलपीठ ने आज कहा है कि पूरे देश की नजर इस परीक्षा पर लगी हुई है। यह एक पीढ़ी का सवाल है इसलिए सक्षम एजेन्सी के माध्यम से परीक्षा का आयोजन करवाया जाए। परीक्षा के आयोजन में सुचिता के साथ शत प्रतिशत परदर्शिता भी होनी चाहिए। युगलपीठ ने एपीडीएमसी को निर्देशित किया है कि वह 10 अगस्त से सक्षम एजेन्सी का नाम न्यायालय को बताये। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एपीडीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस एजेन्सी का नाम बताया गया है,उसका टर्न ओव्हर मात्र एक लाख रूपये है। एजेन्सी एक वर्ष पहले खुली है और पति-पत्नि एक फ्लैट से संचालित कर रहे है। इस पर एपीडीएमसी की तरफ से बताया गया कि उक्त एजेन्सी किसी अन्य एजेन्सी के माध्यम से परीक्षा का आयोजन करवायेगी। जिस पर युगलपीठ ने उक्त तल्ख टिप्पणी करते हुए याचिका पर सुनवाई मध्यान्ह बाद निर्धारित की थी। मध्यान्ह बाद युगलपीठ ने एपीडीएम को निर्देशित किया कि परीक्षा का आयोजन एनआईजी स्तर जैसी एजेन्सी से करवाया जाये। युगलपीठ ने नई ऐजेंसी का नाम बताने के लिए एपीडीएमसी को मोहलत देते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की है। गौरतलब है कि रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा और नरसिंहपुर की छात्रा ऋतु वर्मा व अन्य की ओर से दायर की गयी याचिकाओं में डीमेट परीक्षा में भारी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच तथा डीमेट परीक्षा हाईकोर्ट की निगरानी में कराए जाने की राहत चाही गई है। पूर्व में हुई हुई सुनवाई के दौरान एपीडीएमसी की तरफ से बताया गया था कि 12 जुलाई को होने वाली परीक्षा रद्द कर दी गई है। पारदर्शित के लिए परीक्षा का आयोजन ऑन लाइन किया जा रहा है। ऑन लाइन परीक्षा के आयोजन के लिए हाईकोर्ट ने चार पृष्ठीय दिशा- निर्देश जारी किये थे। याचिका पर गत दिवस हुई सुनवाई के दौरान एसोसिएशन की तरफ से फिंगरप्रिंट संबंधी निर्देश में आंशिक संशोधन की मांग युगलपीठ से की गयी थी। एसोसिएशन की तरफ से कहा गया था कि फार्म जमा करते समय उम्मीदवारों के फिंगरप्रिंट नहीं लिए गए, ऐसे में परीक्षा से पहले उनके फिंगरप्रिंट का मिलान कैसे किया जाएगा। याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये। याचिकाकर्ता पारस सकलेचा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी, अधिवक्ता आशीष, असीम त्रिवेदी, याचिकाकर्ता ऋतु वर्मा की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी और एपीडीएमसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रविनंदन सिंह हाजिर हुए।

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