रायपुर ! दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर की महिला तीरंदाज रिमिल बिरूली एवं लक्ष्मी रानी मांझी ने कोपेन हेगन (डेनमार्क) में चल रही विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता में इतिहास रचते हुए रिओ ओलंपिक में खेलने की पात्रता हासिल कर ली है। इन्होंने जर्मनी में हुए एक नजदीकी मुकाबले में प्रतिद्वंदी खिलाड़ी को 5-3 से हराते हुए अंतिम आठ में स्थान बनाया एवं वर्ष 2016 में ब्राजील की राजधानी में होने वाले रिओ डिजेनिरो में आयोजित ओलंपिक खेलों में शामिल होने की पात्रता हासिल की है।
रिमिल बिरूली एवं लक्ष्मी रानी मांझी दोनों दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर में कार्यरत हैं। दक्षिण मध्य रेलवे बिलासपुर गठन के पश्चात् यह पहला अवसर है, जब इस जोन की कोई भी खिलाड़ी ने खेलों के इस महाकुंभ ओलंपिक में खेलने की पात्रता हासिल की है। इससे पूर्व वर्ष 2014 में दक्षिण कोरिया ग्यांजुलू में आयोजित एशियाई खेलों में लक्ष्मीरानी मांझी ने भारतीय तीरंदाजी टीम का प्रतिनिधित्व किया था। वहीं विश्व क्वालीफाईंग मुकाबला जो वर्ष 2013-14 पोलैंड एवं कोलंबिया में आयोजित हुए थे, में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की दोनों तीरंदाजों ने भारतीय टीम की ओर से भाग लिया था। इस वर्ष भी विश्व क्वालीफाईंग मुकाबले (तीसरा चरण) जो कि 9 से 17 अगस्त तक बारसा पौलेंड में आयोजित है, में भाग लेंगी।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की दोनों महिला तीरंदाज के ओलंपिक खेलों में खेलने की पात्रता हासिल करने पर रेलवे के महाप्रबंधक सत्येन्द्र कुमार ने खुशी जाहिर की है। खेल संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार ने आशा जताई है कि दोनों ही खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी। सहायक खेल अधिकारी एवं पूर्व ओलंपियन वी देवराजन ने दोनों खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि यह न सिर्फ न रेलवे के लिए वरन् पूरे बिलासपुर एवं प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उनके मध्य का कोई खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में खेलने की पात्रता हासिल किया हो, इससे अन्य खेलों के खिलाड़ी प्रोत्साहित होकर इस मुकाम तक पहुंचने पूरा प्रयास करेंगे।