ग्वालियर। मध्यप्रदेश के मालवा संभाग और राजस्थान में हो रही भारी बरसात के कारण चंबल नदी उफान पर आ गई है। चंबल संभाग के भिण्ड, मुरैना और श्योपुर जिले के तीन सैकडा गांव जो चंबल नदी के किनारे व उसके आसपास बसें हुए हैं वहां के ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया है। मुरैना जिले के सबलगढ व अम्बाह के एक दर्जन गांवों को तो खाली भी करा लिया गया है। राजस्थान के कोटा बैराज से 81 हजार क्यूसेक पानी छोडे जाने से भिण्ड जिले की चंबल नदी का जल स्तर 196.66 पर पहुंच गया है जबकि नदी का खतरे का निशान 199.50 मीटर है।
मुरैना जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री आरपी झा ने बताया कि मुरैना और राजस्थान को जोडने वाला चंबल नदी पर बना राजघाट पुल पर नदी खतरे के निशान पर आ जाने से आज से मुरैना-घौलपुर सडक मार्ग बंद कर दिया गया है। झा ने बताया कि राजस्थान के गांधी सागर बांध से 4 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया है वह दो-तीन दिन तक चंबल नदी में आ जाएगा जिससे चंबल नदी का जलस्तर और बढने की संभावना है। भिण्ड, मुरैना और श्योपुर के जिला प्रशासन, जल संसाधन और पुलिस के अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। किसी भी आपदा से निबटने के लिए पूरा अमला तैयार है। मुरैना जिले के सबलगढ व अम्बाह के चंबल नदी के किनारे वाले एक दर्जन गांवों को खाली करा लिया गया है।
भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के कछपुरा, खैराट, नावली विन्द्रावन, मुकुटपुरा, दिन्नपुरा, नखनौली की मढैया, कोसढ की मढैया व फूप थाना क्षेत्र के रानीपुरा, ज्ञानपुरा में चंबल नदी के पानी आ जाने से इन गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण अपने घरों की छतों पर बैठकर अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे है। अटेर के एसडीएम उमेश शुक्ला ने बताया कि क्षेत्र के एक दर्जन गांव पानी से घिर गए है। अभी ग्रामीण घरों की छत पर है। अगर पानी और बढता है तो ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए एक टीम तैयार है जो स्टीमर व नाव से ग्रामीणों को पानी से निकालकर सुरक्षित स्थान पर रखेगी। ग्रामीणों से कहा गया है कि वह घरों में ही रहे, घरों से निकलकर बाहर न आए।

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