भोपाल/नई दिल्ली !  | मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए दो मामले दर्ज किए हैं। पहला मामला प्री मेडिकल परीक्षा (पीएमटी) और दूसरा प्री पोस्ट ग्रैजुएट परीक्षा (प्रीपीजी) से संबंधित है। दोनों मामलों में 29 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि पीएमटी 2010 मामले में 21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419 (प्रतिरूपन कर धोखाधड़ी), धोखाधड़ी (420), जालसाजी (467)़, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी (468, 471) फर्जी दस्तावेज को असली की तरह इस्तेमाल करना (474) और आपराधिक षडयंत्र (120 बी) के तहत मामला दर्ज किया गए है। वहीं प्री पीजी टेस्ट 2011 के मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन आरोपियों के खिलाफ धारा 419़, 420़, 467, 468़, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्री पीजी परीक्षा के आरोपियों पर मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम का मामला भी दर्ज किया गया है। ये दोनों मामले सीबीआई जांच के प्रमुख संयुक्त निदेशक आर.पी.अग्रवाल के निर्देश पर दिल्ली कार्यालय ने दर्ज किए हैं।
सीबीआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर व्यापमं मामले की सीबीआई ने जांच शुरू की है। अब तक यह जांच राज्य की एसटीएफ कर रही थी।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने नौ जुलाई को व्यापमं की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई का 40 सदस्यीय दल सोमवार को भोपाल पहुंचा और जांच की कमान संभाल ली।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, ग्वालियर, इंदौर तथा जबलपुर का पुलिस दल घोटाले से जुड़े विभिन्न मामलों की जांच कर रही है।
सीबीआई मामले की जांच कर रही एसटीएफ और जिले स्तर पर गठित पुलिस की एसआईटी के साथ कई दौर की बैठकें कर चुकी है। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी सौंपे हैं।
व्यापमं घोटाले की जांच के लिए सीबीआई भोपाल में एक अलग कार्यालय स्थापित करेगी।

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