भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत वार्षिक बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाने वाला बजट है। चौहान ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश तेज गति से आत्मनिर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पेश मध्यप्रदेश के बजट को जनआकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं।

  यह बजट सरकार की विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थव्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया। जनता के सुझाव प्राप्त किए गए। अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया।

  उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अंतर्गत 09 नए मिशन संचालित होंगे। उन्होंने कहा कि भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा जिसका नाम मिशन जन-गण होगा। सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।   चौहान ने कहा कि अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 40 हजार 958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रूपये, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में गत वर्ष से 22 प्रतिशत की अधिक राशि है।   वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश का जीएसडीपी 10 लाख करोड़ के पार पहुंच सकता है, जो एक कीर्तिमान होगा। राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। इसे अगले तीन वर्ष में और घटाकर 03 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। इसे भी अगले 03 वर्ष में घाटे से आधिक्य में बदलने का लक्ष्य है। गत 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रूपये का अतिरिक्त वित्तीय संसाधन प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं है। न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।

  उन्होंने कहा कि यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएं संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी के अंतर्गत नो सौ करोड़ से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल दस हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है। चौहान ने कहा कि गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए बजट में समुचित प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

  मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना 3200 करोड़ रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रूपये,  सीएम राइज स्कूल के लिए 1500 करोड़ रूपये, अन्नपूर्णा योजना के 400 करोड़ रूपये, जल जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुंचाने के कार्यों के लिए 5762 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3035 करोड़ रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना के 922 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अटल कृषि ज्योति योजना 4592 करोड़ रूपये, नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 300 करोड़ रूपये, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रूपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2500 करोड़ रूपये, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5739 करोड़ रूपये, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।  

महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभागीय स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था का आधार है। कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2220 करोड़ रूपये की राशि बजट में रखी गई है। उन्होंने कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी।  

आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहां उन्होंने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई क्षेत्र के विस्तार का कार्य  प्रमुखता से किया गया। इसके  पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और सुचारू बिजली प्रदाय पर ध्यान दिया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएं तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत हो चुकी है। यह बजट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी होगा।

  इसके अलावा बजट की ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोंिटग सोलर पावर प्लांट और 06 जिलों में नए सोलर पार्क के लिए बजट। 65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट। पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय। 05 विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट सहित अन्य प्रमुख विशेषताएं हैं। 

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