भोपाल. हिंदू महासभा से जुड़े बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में एंट्री को लेकर मचा कोहराम दिन-ब-दिन भले ही तेज हो रहा हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने साफ संकेत दिए हैं कि इस मामले में पार्टी विरोधियों के दबाव में नहीं आएगी. बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस सदस्यता बरकरार रहेगी. साथ ही कांग्रेस पार्टी ने यह भी साफ संकेत दे दिए हैं कि पार्टी के फैसलों की मुखालफत करने वालों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी.

दरअसल बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस की सदस्यता दिलाए जाने को लेकर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल, अरुण यादव, सुभाष सोजतिया, मीनाक्षी नटराजन समेत कई नेताओं ने PCC के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने एक बार फिर कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को साफ करना चाहिए कि उनकी विचारधारा गांधी की है या गोडसे की. मानक अग्रवाल ने कहा है कि बाबूलाल चौरसिया के साथ ही कमलनाथ को भी कांग्रेस पार्टी छोड़ देना चाहिए. गोडसे की विचारधारा का उनका विरोध जारी रहेगा.

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर PCC भी सख्ती के मूड में नजर आने लगी है. कांग्रेस के मीडिया इंचार्ज केके मिश्रा ने कहा है कि पार्टी प्रेसिडेंट को लेकर यदि कोई सवाल खड़े करता है तो वह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आएगा. ऐसे बयानों को PCC गंभीरता से लेगी. अनुशासनहीनता समिति इस मामले में कोई कार्रवाई कर सकती है.

बापू के हत्‍यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने वाले और उसकी मूर्ति पर जल चढ़ाने वाले हिंदू महासभा के पार्षद बाबूलाल चौरसिया पर कांग्रेस उलझ गई है. पार्टी के अंदर जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है. कोई खुलकर कुछ नहीं कह रहा, लेकिन दबी जबान में जिसे जो संदेश देना है दे रहा है. बाबूलाल के कांग्रेस में आते ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने तो महात्मा गांधी ‘बापू’ से क्षमा मांग ली. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘बापू हम शर्मिंदा हैं…’ कमाल की बात यह है कि उन्होंने सोशल मीडिया के इस संदेश पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को तो टैग किया, लेकिन कमलनाथ को टैग नहीं किया. बता दें कि इस मसले पर कमलनाथ की अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है.

दूसरी ओर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा कि पीसीसी चीफ कमलनाथ को धोखे में रख बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई. इस बारे में पार्टी को सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए. गांधी के हत्यारे की पूजा करने वालों की पार्टी में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. इधर, ग्वालियर से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में वापसी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में एंट्री से परिवर्तन का दौर शुरू हो चुका है. गोडसे को पूजने वाले अब वास्तविकता को समझ चुके हैं. कांग्रेस पार्टी के विचारों से प्रभावित होकर गोडसे के विचार वाले लोग अब गांधी विचारधारा से जुड़ रहे हैं. अंधभक्तों की आंखें अब खुलने लगी हैं.

भोपाल में कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद ग्वालियर लौटे बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि वह पहले भी कांग्रेस के थे. अपनी विचारधारा में वापस लौटे हैं. बाबूलाल ने कहा कि वह अपने घर में वापस लौटे हैं. टिकट का लालच नहीं है, यदि कांग्रेस उनका मौका देगी, तो वह पीछे नहीं हटेंगे.

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