भोपाल !  जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर ग्राम पुरा छिंदवाड़ा में रविवार को उस समय सनसनी फैल गई जबकि एक विवाहिता ने अपनी दो अबोध बेटियों के साथ आत्मदाह कर लिया। इस घटना में तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के वक्त मृतका की एक बेटी घर के बाहर खेल रही थी जिसके कारण वह बच गई। विवाहिता ने यह कदम क्यों उठाया अभी इसके कारणों का खुलासा नहीं हो सका।
प्राप्त जानकार के अनुसार पुराछिंदवाड़ा में गांव के एक छोर पर झोपडी में रहने वाला द्वारका प्रजापति मजदूरी करता है। उसके परिवार में पत्नि केसरबाई उम्र 26 वर्ष, बेटी शीतल चार वर्ष, जानवी 2 वर्ष और विशाखा 8 माह थी। बताया गया कि आज सुबह इन सभी ने साथ में चाय पी इसके बाद द्वारका मजदूरी के पैसे लेने के लिए गांव में चला गया, जबकि उसकी बड़ बेटी शीतल घर बाहर कुछ दूरी पर खेलने चली गई। इसी बीच केसरबाई ने अपनी बेटी जानवी और विशाखा के साथ घासलेट डालकर घर में आग लगा ली। घर से धुआं और आग की लपटें उठता देख जब तक गांव वाले वहां पहुंचे और आग बुझाई तब तक तीनों मां-बेटियों की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची परबलिया थाना पुलिस ने तीनों के शव पोस्टमार्टम के लिए गांधी मेडिकल कालेज पहुंचाए।
परवलिया थाना प्रभारी सारिका जैन के अनुसार अभी घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है। उन्होंने बताया कि मृतका का विवाह लगभग आठ वर्ष पूर्व हुआ था। वह बरेली के समीप गांव की रहने वाली थी उसके परिजनों को घटना क सूचना दे दी गई है। वहीं मृतका के सास-ससुर गांव में ही एक अलग खेत में रहते हैं। मृतक के पति द्वारका के अनुसार उसका अपनी पत्नि केशरबाई के साथ कोई विवाद नहीं था। वहीं मासूम शीतल का कहना है कि आग कैसे लगी उसे नहीं पता क्योंकि वह घर से कुछ दूरी पर खेल रही थी। हालांकि गांव वाले अभी इस घटना के संबंध में ज्याद कुछ कहने को तैयार नहीं थे। फिलहाल पुलिस मर्ग दर्ज कर मामले की विवेचना कर रही है।

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