भोपाल। महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाले हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस पार्टी में सम्मान के साथ शामिल करने वाले प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ खुली लामबंदी शुरू हो गई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने मोर्चा बांध लिया है तो कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी बयान जारी किया है। सबकी नजर दिग्विजय सिंह के बयान पर है। इस मामले में दिग्विजय सिंह के विचार कांग्रेस पार्टी के अलावा राजनीति में रुचि रखने वाले सभी लोग जानना चाहते हैं।
अरुण यादव ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोला
कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। आज शुक्रवार को अरुण यादव ने बाबूलाल चौरसिया मामले में कई बयान दिए। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हैं और महात्मा गांधी की विचारधारा के खिलाफ खड़े होने वालों को कांग्रेस पार्टी के मंच पर नहीं देख सकते। उन्होंने खुलकर कहा कि मैं किसी भी प्रकार की क्षति के लिए तैयार हूं, लेकिन गांधी के हत्यारों की पूजा करने वालों को स्वीकार नहीं कर सकता।
केके मिश्रा ने कमलनाथ का बचाव किया
हाल ही में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव (मीडिया) बनाए गए केके मिश्रा ने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा है कि बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में इंट्री से आपत्ति क्या है। गांधी की विचारधारा के चलते ही राहुल-प्रियंका गांधी ने अपने पिता की हत्यारी महिला को माफ कर दिया था। यही असली गांधीवाद है। कांग्रेस में लोकतंत्र है। सहमति और असहमति पर चर्चा निरंतर होती रहती है।
दिग्विजय सिंह के बयान पर सबकी नजर
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हमेशा खुद को संगठन का सिपाही बताते हैं। ज्यादातर मामलों में वह खुलकर अपने विचार प्रकट करते हैं। गोडसेवादी बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर दिग्विजय सिंह के विचार सभी जानना चाहते हैं। इस मामले में दिग्विजय सिंह का बयान इसलिए भी प्रासंगिक हो जाता है क्योंकि लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह ने नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाली विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से करारी शिकस्त खाई है। अरुण यादव ने भी नाम लिए बिना दिग्विजय सिंह से सवाल किया है कि ‘ क्या भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी कल कांग्रेस में आना चाहेंगी, तो उनका स्वागत किया जाएगा?’