जबलपुर। नगरीय निकाय चुनाव से पहले जिले की शहपुरा नगर परिषद में वोटर लिस्ट और पीएम आवास मिशन घोटाले का खुलासा होने से ग्रामीण अंचल की राजनीति में खलबली मची है। चूंकि मामले से जुड़े सस्पेंड पूर्व सीएमओ और भृत्य की भी इस दौरान संदिग्ध परिस्थतियों में ट्रेन से कट कर मौत हो गई, इसलिए सियासत और जोर पकड़ती जा रही है।  

मामले पर कांग्रेसियों ने स्थानीय एसडीएम से लेकर कलेक्टर-कमिश्नर और हाल ही में जबलपुर प्रवास पर आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह तक को इसकी शिकायत कर दी है। उधर, पुलिस-प्रशासन दोनों ही स्तर पर जांच लिंगरआॅन होने से आक्रोश पनप रहा है। खास बात यह है कि मामले में नगर परिषद की तत्कालीन महिला अध्यक्ष और उनके पति का नाम जमकर उछल रहा है।

बताया जाता है कि वोटर लिस्ट की जांच में एक-एक मकान में 20-20 नाम एक्स्ट्रा जोड़े जाने की पुष्टि हो चुकी है। छह साल पहले मात्र 8800 वोटर वाली परिषद के 15 वार्ड में 40 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या बढ़ोत्तरी हो गई है। नतीजतन अब इस साल कुल वोटर संख्या 13100 है जबकि जनसंख्या मात्र 13700 यानि पूरे नगर में मात्र 600 ही नाबालिग हैं शेष सभी वोटर हैं।  600 की बजाय 15 वार्ड में 1877 मकान आवंटित कर दिए गए हैं। इसमें कुछ तो आधे-अधूरे हैं वहीं कुछ मकान ऐसे भी आवंटित हैं जो वोटर ही नहीं हैं।

शहपुरा नगर में पीएम आवास मिशन में गड़बड़ी की शिकायत पर जांच चल रही है, वोटर लिस्ट का मामला भी पता कर रहे हैं। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
कर्मवीर शर्मा,कलेक्टर

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