इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर  इंदौर में भूमाफियाओं के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए  तीन हजार दो सौ पचास करोड़ की जमीन भूमाफिया से मुक्त कराई है। दो दशक से भी ज्यादा समय से इनका इस जमीन पर अवैध कब्जा था।

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि पुष्पविहार के लगभग 1150 और अयोध्यापुरी के लगभग 350 पीड़ित लोगों ने इन कॉलोनियों में अवैध कब्जे को लेकर मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने इन पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। उनके निर्देश पर पिछले चार दिनों से मैदानी एक्शन की कार्ययोजना तैयार की गई थी। बुधवार देर रात  पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई शुरू करते हुए दो थानों में लगभग छह एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें दो एमआईजी और चार एफआईआर खजराना थाने में की गई है। दोषियों की गिरफ्तारी भी की गई है। 17 लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज हुई है।

पुष्पविहार के मामले में दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक जैन, दिपेश वोरा, कमलेश जैन,नसीम हैदर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। केशव नचानी, ओमप्रकाश धनवानी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है।अयोध्यापुरी में सुरेन्द्र संघवी, प्रतीक संघवी सहित दिलीप सिसोदिया, विमल लोहाड़िया, पुष्पेन्द्र नेमा पर एफआईआर दर्ज की गई है। रणवीर सूदन, दिलीप जैन , मुकेश खत्री के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। कलेक्टर ने बताया कि इंदौर जिले में विभिन्न गृह निर्माण समितियों द्वारा आमजन को सदस्य बनाकर राशि जमा करवाई गई और भूखंड देने का आश्वासन दिया गया था।

बीस-25 सालों से ऐसी शिकायतें आ रही थी कि सदस्यों को पूरी राशि जमा कराने के बाद भी भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं कराई जा रही है।  रजिस्ट्री के बाद भी कई जगह अनाधिकृत लोगों का कब्जा हो गया था। सदस्यों को राशि जमा कराने के बाद कोई मांग नहीं दर्शाई गई और बाला-बाला उनकी सदस्यता समाप्त कर दूसरे नये सदस्यों को कब्जा दे दिया गया था। 128 गृह निर्माण सहकारी समितियों के सदस्यों ने भूखंड प्राप्त नहीं होंने और धोखाधड़ी की शिकायतें मिली थी। अनाधिकृत व्यक्ति गुंडागर्दी का भय दिखाकर आवंटियों को भूखंड पर भौतिक रूप से कब्जा नहीं करने दे रहे थे।

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