नई दिल्ली। भारत में किसी अपराध के लिए सबसे बड़ी सजा फांसी है। समय के साथ दोषियों को फांसी की जगह उम्रकैद की सजा सुनाई जाने लगी है। कुछ समय पहले निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दी गई थी। अब एक महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। देश को आजादी मिलने के बाद यह पहला मामला होगा, जब किसी महिला को उसके अपराध के लिए फांसी दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, अमरोहा की रहने वाली शबनम को मथुरा की जेल में मौत की सजा दी जाएगी। उसे फांसी पर लटकाने की तैयारियां शुरू हो गई है। निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले पवन जल्लाद ने जेल का निरीक्षण भी कर लिया है। पवन जल्लाद ने फांसी घर में जाकर दो बार सारी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा है। मथुरा जेल के अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि शबनम को फांसी देने की तारीख अभी तय नहीं हुई है और न ही कोई आदेश आया है। फिर भी जेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।
साल 2008 में यूपी के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। तब से यह मामला कोर्ट में चल रहा था। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है। शबनम ने राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई लेकिन अब राष्ट्रपति भवन ने भी उसकी दया याचिका को खारिज कर दी है। आजादी के बाद इतिहास में शबनम पहली ऐसी महिला होगी जिसे फांसी की सजा दी जाएगी।