ग्वालियर। बिजली के बिलों की बकाया बसूली और चोरी रोकने के लिए चंबल संभाग के भिण्ड और मुरैना में बिजली कंपनी ने एसएएफ की मदद ली है। दोनों जिलों में बिजली कंपनी के 600 करोड रुपया से अधिक बकाया है। अब बकायादारों से सख्ती के साथ बसूली की जाएगी। जो बकाया राशि जमा नहीं करेंगे उनके खिलाफ प्रकरण तैयार कर मामला न्यायालय में ले जाया जाएगा।
भिण्ड के अधीक्षण यंत्री डीबी बार्ष्णेय ने बताया कि भिण्ड जिले में बिजली उपभोक्ताओं पर 3 करोड 72 लाख से अधिक की राशि बकाया है। उपभोक्ता बिजली का उपयोग तो कर रहे है लेकिन बिल की राशि जमा नहीं कर रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं से बसूली करने जब बिजली विभाग का अमला जाता था तो उनके साथ मारपीट की जाती थी। अब ऐसे उपभोक्ताओं से निबटने के लिए एसएएफ के तीस सशस्त्र जवान दिए गए है। जो बिजली कंपनी के बसूली दस्ते के साथ जाकर बकाया बसूली के दौरान कंपनी के दल की सुरक्षा करेंगे। बिजली कंपनी का बसूली दल बकायादार उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटकर उनसे बसूली के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। चंबल संभाग के भिण्ड और मुरैना में पहली बार एसएएफ के सशस्त्र जवानों का उपयोग किया जा रहा है।
अधीक्षण यंत्री ने कहा है कि अब बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली की बिल की राशि देनी ही पडेगी जो बिल की राशि जमा नहीं करेंगे वो बिजली का उपयोग नहीं कर पायेंगे। भिण्ड जिले में प्रति माह 4 करोड 50 लाख की बिलिंग होती है जबकि बसूली 1 करोड 58 लाख रुपए ही आती है। प्रतिमाह विभाग को 70 प्रतिशत का घाटा हो रहा है। जिन क्षेत्रों व गांवों से बिजली की बसूली नहीं आ रही है उन गांवों से ट्रान्सफॉर्मर उठाने का काम किया जा रहा है। एक माह में 125 ट्रान्सफॉर्मर उठाए गए है। अब उन गांबों में ट्रान्सफॉर्मर तभी रखे जाएगे जब पुराना बकाया पूरा जमा करा लिया जाएगा।
बार्ष्णेय ने बताया कि ऐसे लोगों की धरपकड की जा रही है जो बिजली का उपयोग तो कर रहे है लेकिन उन्होंने विधिवत कनेक्शन नहीं लिए है उन लोगों को कनेक्शन दिए जा रहे है। भिण्ड जिले मे ंएक माह में 2 हजार नए कनेक्शन दिए जा रहे है। अभी भिण्ड जिले में 1 लाख 35 हजार बिजली उपभोक्ता है इनकी प्रतिमाह बिलिंग होती है। अभी करीबन 20 हजार नए कनेक्शन और दिए जाने है। बार्ष्णेय ने यह भी स्वीकार किया कि विभाग के ही कुछ कर्मचारी अपने थोडे से स्वार्थ के लिए विभाग को नुकसान पहुचाने में किसी से पीछे नहीं है। ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें फील्ड से हटाया जा रहा है तथा कुछ को हटाया भी गया है। उन्होंने बताया कि एसएएफ की कंपनी मिलने से विभाग को लाभ हुआ है। अभी यह कंपनी दो माह के लिए मिली है इस कंपनी का समय भी बढाया जा सकता है। अभी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्षेत्र में जाने कतराते थे क्योंकि जब बिजली विभाग का अमला क्षेत्र में बकायादारों का कनेक्शन काटने जाता था तो उन पर हमला हो जाता था। विभाग का अमला ट्रान्सफॉर्मर तो उठा ही नहीं पाते थे लेकिन अब बिजली विभाग के अमले को सुरक्षा मिल जाने से बसूली में भी इजाफा हुआ है।
बार्ष्णेय ने बताया कि गत माह बसूली अभियान के दौरान 5 करोड 53 लाख रुपए की बसूली हुई है। एसएएफ की एक कंपनी मिलने से बिजली चोरी रोकने, बकाया बसूली में काफी इजाफा हुआ है। भिण्ड शहर में 33 हजार बिजली उपभोक्ता है जो दो माह में 35 हजार से अधिक हो जाएगें इसलिए भिण्ड शहर को अलग से डिवीजन बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
सेवानिवृत मेडीकल ऑफीसर वीडी दुबे ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी ही बिजली चोरी करवा रहे है। वर्षों से उपभोक्ताओं को एवरेज बिल दिए जा रहे है। 80 प्रतिशत धरों व प्रतिष्ठानों पर मीटर नहीं लगाए गए है। लाखों की बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को आज भी नाममात्र का बिल दिया जा रहा है। विभाग अगर ईमानदारी से शत-प्रतिशत मीटर लगाकर बसूली करे तो उपभोक्ताओं को लाभ हो लेकिन विभाग ऐसा कर देगा तो विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को होने वाला आर्थिक लाभ नहीं हो पाएगा। दबंग लोग आज भी बिना कनेक्शन के बिजली का उपयोग कर रहे हैं लेकिन उनका पैसा आम उपभोक्ताओं से बसूल किया जा रहा है।

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