ग्वालियर / मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ग्वालियर का ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेला जो 105 वर्षों से संचालित हो रहा है। यह 15 फरवरी 2021 से विधिवत प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण द्वारा आयोजित मेला प्रांगण में कला रंगमंच में उदघोषणा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाह, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, लोक निर्माण राज्यमंत्री सुरेश धाकड़, पूर्व सांसद अनूप मिश्रा, पूर्व मंत्री इमरती देवी, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, मेला प्राधिकरण के सचिव एस एम श्रीवास्तव सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने श्रीमंत माधवराव सिंधिया ग्वालियर व्यापार मेला के उदघोषणा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेले का विधिवत शुभारंभ 15 फरवरी से किया जायेगा। इस मेले में खरीदे गए वाहनों के पंजीयन पर छूट मिलेगी। चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्वालियर का व्यापार मेला सन् 1905 से अद्भुत पहचान लिए हुए है। इस मेले की शुरूआत कैलाशवासी माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। मेले की आगे भी और पहचान बढ़े, इसके लिये सभी के सहयोग से विचार-विमर्श कर भव्यता प्रदान की जायेगी। मेले का लगातार आयोजन हो – केन्द्रीय मंत्री तोमर केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास साक्षी है कि समाज में मेलों की कल्पना एवं विस्तार की जब बात हुई होगी। सबसे पहले ग्वालियर के प्राचीन एवं ऐतिहासिक मेले का नाम लिया जाएगा।
ग्वालियर के ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार ने की – सिंधिया राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह ग्वालियर के लिये नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के लिये ऐतिहासिक क्षण है कि 100 वर्षों से अधिक समय से लग रहे इस ऐतिहासिक एवं प्राचीन मेले की शुरूआत सिंधिया परिवार के पूर्वजों द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा कि शुरू में यह मेला एक पशु मेले के रूप में शुरू किया गया था। जिसका धीरे-धीरे विस्तार कर उनके पूज्य पिताजी स्व. माधवराव सिंधिया ने व्यापार मेले के रूप में पहचान दिलाई। इस मेले की पूरे देश में एक अपनी छवि एवं पहचान रही है। सिंधिया ने कहा कि मेले में वाहन पंजीयन से पहले जहां 100 करोड़ का व्यापार होता था वहीं अब वाहनों के पंजीयन में छूट से 800 करोड़ का व्यापार होगा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि आज ऐतिहासिक ग्वालियर व्यापार मेले की उदघोषणा हो रही है। जिससे मेले लगने का लोगों को इंतजार की घड़ी समाप्त होगी। उन्होंने कहा कि ग्वालियर का प्राचीन मेला 100 वर्षों से अधिक समय से लगातार संचालित हो रहा है, जो आगे भी चलता रहेगा। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा ने अपने उदबोधन में कहा कि ग्वालियर का मेला भारत का सबसे प्राचीन मेला रहा है। जो तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नागरिकों को मेला शुरू होने की शुभकामनायें दी।
प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा आज का दिन बड़े ही हर्ष का दिन है। ग्वालियर के ऐतिहासिक मेला लगातार 100 वर्षों से अधिक समय से लगता आ रहा है। इस मेले को देखने एवं खरीददारी करने मध्यप्रदेश के ही नहीं अन्य राज्यों के लोग भी मेले में आते हैं। राजपूत ने कहा कि ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में ग्वालियर का मेला एक क्रांतिकारी मेला रहा है।