भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ओर से माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी अमले पर हमले की घटनाएं नहीं रुक पा रही हैं। देवास जिले में वनरक्षक की गोली मारकर हत्या और ग्वालियर चंबल अंचल में हाल के दिनों में पुलिस पर हमले की प्रकाश में आयी घटनाओं की आज यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। 

  आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान ने अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कहा कि देवास जिले में काल कवलित हुए वनरक्षक को शहीद के समकक्ष दर्जा दिया जाएगा और आवश्यक सुविधाएं परिवार की दी जाएंगी। उन्होंने वनरक्षक की मृत्यु के मामले में वन और गृह विभाग के अधिकारियों से आवश्यक जानकारी हासिल की।  देवास जिले के उदयनगर थाना क्षेत्र स्थित पुंजापुरा वन क्षेत्र में वन विभाग के एक वनरक्षक मदनलाल वर्मा (58) की गुरुवार को अज्ञात बदमाशों ने जंगल में ही गोली मारकर हत्या कर दी। आरोपी शिकारी बताए गए हैं। हालाकि फिलहाल किसी प्रकार की गिरफ्तारी की सूचना नहीं है।

  इस संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देवास के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि पुंजापुरा वन क्षेत्र में एक छोटे तालाब के समीप से रतनपुर बीट में पदस्थ एक वनरक्षक मदनलाल वर्मा (58) का खून से लथपथ शव गुरुवार को मिला। उन्हें किसी शिकारी ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गयी। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसकी तलाश आरंभ कर दी है। इसके पहले कल ग्वालियर के पुरानी छावनी क्षेत्र में थाना प्रभारी सुधीर सिंह कुशवाह पर रेत माफिया से जुड़े लोगों ने ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया।  

उन्होंने नाले में कूदकर अपनी जान बचायी। इस वजह से घायल कुशवाह को ग्वालियर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनका कहना है कि यदि वे नाले में नहीं कूदते तो ट्रैक्टर उन पर चढ़ा दिया जाता। दरअसल पड़ोसी दतिया जिले में माफियाओं द्वारा पुलिस कर्मचारियों पर गोली चलाने की घटना के बाद ग्वालियर जिले में भी माफियाओं के खिलाफ सख्ती बरतना प्रारंभ हुआ है। इसी क्रम में कुशवाह के नेतृत्व में पुलिस बल ने जलालपुर रेलवे पुल के पास चंबल से रेत लाने वाले लगभग आधा दर्जन ट्रैक्टर ट्रालियों को रोक लिया था। हालाकि पुलिस अधिकारी पर हमले की घटना के बाद पुलिस भी अब सक्रिय नजर आ रही है और आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।  

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान ने आज की बैठक में संबंधित अधिकारियों से कहा कि आवश्यक सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। गृह, वन और राजस्व आदि विभाग मिलकर संयुक्त प्रयास करें। अवैध खनन करने वाले माफियाओं को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाए। उन्होंने ग्वालियर की घटना के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, ओएसडी मुख्यमंत्री कार्यालय मकरंद देउस्कर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) आदर्श कटियार और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *