भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गेहूँ के उपार्जन कार्य में किसानों को उपार्जन केंद्रों पर सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायें। समय पर उनकी फसल का उपार्जन हो तथा उपार्जन के बाद भुगतान में विलंब न हो। मेरे लिए एक-एक किसान महत्वपूर्ण है। किसी का भुगतान नहीं रुकना चाहिए। उपार्जित फसल के तुरंत परिवहन की व्यवस्था की जाये।

चौहान आज यहां मंत्रालय में रबी उपार्जन तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव के.के. सिंह, प्रमुख सचिव फैज अहमद, अजीत केसरी, मार्कफेड के प्रबंध संचालक पी. नरहरि आदि उपस्थित थे।

प्रदेश में इस बार गेहूँ का उपार्जन 22 मार्च से इंदौर एवं उज्जैन संभाग में तथा 1 अप्रैल से शेष संभागों में किया जाएगा। उपार्जन के लिए पंजीयन चालू है, जो 20 फरवरी तक चलेगा। इस बार भी गत वर्ष की तरह 4529 उपार्जन केंद्र बनाये जा रहे हैं। इस बार 125 लाख मैट्रिक टन गेहूँ उपार्जन का अनुमान है। अभी तक 4 लाख 13 हज़ार किसानों ने गेहूँ उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। गत वर्ष 19 लाख 47 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से 15 लाख 81 हज़ार किसानों ने गेहूँ बेचा। इस बार लगभग 20 लाख किसानों के पंजीयन का अनुमान है।

इस बार गेहूँ का समर्थन मूल्य 1975 रुपए प्रति क्विंटल होगा। गत वर्ष यह 1925 रुपए प्रति क्विंटल था। इस बार गेहूँ की बोनी का रकबा 98 लाख 20 हजार हेक्टेयर है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि एक भी किसान की उपज का भुगतान न होना अपराध है। दोषियों की संपत्ति कुर्क करें। उन्हें जेल भेजें तथा किसानों को भुगतान करायें। जितने किसानों का भुगतान बकाया है, उनकी सूची उन्हें तुरंत उपलब्ध कराई जाये। जिन सहकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता संदिग्ध हो, उन्हें इस बार उपार्जन का कार्य न दिया जाये। उपार्जन के लिए इस बार सिकमी/बटाईदारों के अधिकतम 5 हेक्टेयर रकबा के पंजीयन की सुविधा प्रदान की जा रही है।

चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 15 मार्च से प्रारंभ होगा, जो 15 मई तक चलेगा। इस बार इनका पूरा उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया जाएगा। चने का समर्थन मूल्य 5100 रूपये, सरसो का समर्थन मूल्य 4650 रूपये और मसूर का समर्थन मूल्य 5100 रूपये प्रति क्विंटल है। चने का उपार्जन 14.51 लाख टन, मसूर का 1.37 लाख टन तथा सरसो का 3.90 लाख टन अनुमानित है। चौहान ने कहा कि गत बार की तरह इस बार भी स्व-सहायता समूहों तथा कृषि उत्पादक समूहों को उपार्जन कार्य दिया जाएगा। गत वर्ष 39 उपार्जन केंद्रों पर स्व-सहायता समूहों एवं कृषि उत्पादक समूहों द्वारा 9 लाख 78 हज़ार 526 क्विंटल गेहूँ उपार्जित किया गया, जो कुल उत्पादन का 3 प्रतिशत था।

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