इंदौर। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता असलम शेर खान ने आज अपनी ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियमित अध्यक्ष नहीं होने से पार्टी को नुकसान हो रहा है। पूर्व ओलम्पियन हॉकी खिलाड़ी खान ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि जब राहुल गांधी स्वयं ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद स्वीकार करने से इंकार कर चुके हैं, तो पार्टी को किसी अन्य वरिष्ठ नेता को अवसर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसी तरह कांग्रेस को केंद्र में मनमोहन सिंह के स्थान पर किसी अन्य वरिष्ठ नेता को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए था। उन्होंने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि उस समय प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वाधिक योग्य व्यक्ति प्रणव मुखर्जी थे। यदि मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाया जाता, तो आज कांग्रेस मजबूत स्थिति में रहती।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की स्थिति और पिछले वर्ष उसके सत्ता गवां देने से जुड़े सवाल पर खान ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में चले जाने से न केवल कांग्रेस की सरकार गयी, बल्कि आज राज्य में कांग्रेस कमजोर होती जा रही है। दिल्ली की सीमा पर जारी किसान आंदोलन के सिलसिले में खान ने केंद्र सरकार पर हठधर्मिता अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार की तुलना तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के कार्यकाल से करते हुए कहा कि जिस तरह गांधी की सरकार ने आपातकाल लगाया, इसी तरह मौजूदा केंद्र सरकार का भी रवैया दिखायी दे रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।