भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि समर्थन मूल्य पर उपार्जन के बाद संबंधित किसान को यदि उसकी उपार्जित फसल का भुगतान नहीं किया जाता है तो इसके लिए जिम्मेवार व्यक्तियों की संपत्ति नीलाम कर किसान को भुगतान कराया जाए। चौहान आज यहां मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से शिकायतों का ऑनलाइन निराकरण कर रहे थे। वीसी में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाए। सभी जिले के कलेक्टर इस संबंध में जाँच करा लें कि उनके जिले में कोई ऐसा प्रकरण लंबित तो नहीं है, यदि है तो तत्परता के साथ कार्रवाई की जाए। चौहान ने ग्वालियर जिले के एक प्रकरण में कृषक को उपार्जित गेहूँ का भुगतान नहीं किए जाने तथा राशि का संबंधित सोसाइटी द्वारा फर्जीवाड़ा किए जाने पर कलेक्टर ग्वालियर द्वारा की गई कार्रवाई की सराहना की। कलेक्टर द्वारा न केवल संबंधित सोसाइटी के पदाधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गई अपितु उसकी संपत्ति नीलाम कर कृषक को उपार्जित गेहूँ की पूरी राशि दिलवाई गयी।
मुख्यमंत्री ने नीमच जिले के रामेश्वर लाल के प्रकरण में निर्देश दिए कि पशु मृत्यु पर समय सीमा में बीमा क्लेम हितग्राही को दिलाना सुनिश्चित किया जाए। प्रकरण में रामेश्वर की भैंस की मृत्यु होने पर उन्हें 3 वर्ष में भी भुगतान नहीं हुआ था। अब उन्हें भुगतान करा दिया गया है। मुख्यमंत्री ने दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। भिंड जिले के आवेदक केशव सिंह की शिकायत पर तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत को निलंबित करने के निर्देश दिए गए। प्रकरण में हितग्राही को शौचालय निर्माण के पैसे नहीं मिले थे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि योजनाओं का हितग्राही को लाभ प्रदान करने में विलंब करने पर दोषी अधिकारी/ कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। टीकमगढ़ के आवेदक दलपत सिंह रायकवार के प्रकरण में चौहान ने निर्देश दिए कि बच्चियों के लापता होने के प्रकरणों में जब तक बच्ची वापस न मिल जाए तब तक प्रकरण को क्लोज न किया जाए। प्रकरण में आवेदक की बच्ची गत 30 जनवरी को वापस आ गई है तथा आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सागर जिले के करोड़ी लाल यादव की भैंस की मृत्यु के उपरांत लंबे समय तक उसे सहायता न मिलने पर संबंधित तहसीलदार की विभागीय जाँच कराए जाने के निर्देश दिए गए। चौहान ने कहा कि कई जिलों में कलेक्टर जन-सुनवाई के दौरान प्राप्त शिकायतों को संबंधित विभाग को अग्रेषित कर देते हैं, यह पर्याप्त नहीं है। कलेक्टर सुनिश्चित करें कि जन-सुनवाई में प्राप्त शिकायतों का निराकरण हो जाए। सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायतों में लगातार छह बार निम्न प्रदर्शन करने वाले भिंड जिले को कार्य सुधारने के निर्देश दिए गए। इसी प्रकार शिवपुरी, मुरैना, शाजापुर, दतिया को भी सुधार के निर्देश दिए गए।
चौहान ने सीएम हेल्पलाइन में प्रकरणों के निराकरण में उच्च प्रदर्शन के लिए सिवनी सहित छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, सिंगरौली और शहडोल जिले को शाबासी दी। पुलिस एवं यातायात से संबंधित शिकायतों के निराकरण में सतना, सिंगरौली, सीधी, बैतूल तथा छिंदवाड़ा जिलों को बधाई दी गई। चौहान ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग के सीमांकन, बँटवारा आदि के लंबित प्रकरणों को आगामी एक माह में अभियान चलाकर निराकृत किया जाए। शिकायतों के निराकरण में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, सामाजिक न्याय, महिला-बाल विकास, परिवहन, योजना, आर्थिकी एवं सांख्यिकी तथा पशुपालन विभागों का प्रदर्शन उच्च रहा। मुख्यमंत्री ने सभी को बधाई दी।
चौहान द्वारा सर्वाधिक शिकायतों का संतुष्टि पूर्वक निराकरण करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भोपाल के उप यंत्री राजकुमार चतुर्वेदी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग होशंगाबाद के सीईओ जनपद पंचायत राम सोनी, सागर के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी रामसेवक शर्मा, इंदौर के आरटीओ जितेंद्र सिंह रघुवंशी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग गुना के सहायक यंत्री टी.एल. मेहरा तथा पशुपालन विभाग छतरपुर के उप संचालक डॉ. विमल कुमार तिवारी की प्रशंसा की तथा सभी को शाबासी दी।