भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि भोपाल की पहचान झीलों और हरियाली की वजह से है। भोपाल को एडवेंचर टूरिज्म का डेस्टिनेशन बनाया जाएगा। भोपाल में 150 नये पार्क विकसित किए जाएंगे जिससे शहर की हरियाली में वृद्धि होगी। चौहान ने आज भोपाल नगर के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री के साथ लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, विधायक कृष्णा गौर भी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए विकास कार्य भोपाल की पहचान बन जाएंगे। कुल 200 करोड़ की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण अभी चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सड़कें राजधानी परियोजना प्रशासन के अंतर्गत बनाई जा रही हैं। साथ ही 600 नई बसें भोपाल में चलेंगी जिनमें से 300 सीएनजी बसें होंगी। कुल 26 करोड़ खर्च कर 14 एकड़ क्षेत्र में टी टी नगर दशहरा मैदान का विकास किया जाएगा। अगले पाँच वर्ष में 2500 शासकीय आवास गृहों सहित 52 हजार आवास गृह निर्मित होंगे।
चौहान ने सबसे पहले प्लेटिनम प्लाजा से झरनेश्वर मंदिर तक बने नवनिर्मित मार्ग का लोकार्पण किया। चौहान ने कहा कि इस मार्ग का नाम अब बुलेवर्ड स्ट्रीट नहीं, अटल पथ होगा। स्वदेशी नाम ही नई स्ट्रीट के लिए उपयुक्त भी है और तार्किक भी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के विकास में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। नवनिर्मित स्ट्रीट की चौड़ाई 45 मीटर और लंबाई 1.6 किलोमीटर है। इस मार्ग के तीन भाग होंगे, पहला सुगम आवागमन के उद्देश्य से वाहनों के लिए, दूसरा सायकिल के लिए तथा तीसरा पैदल राहगीरों के लिए। मार्ग पर राहगीरों की सुविधा के लिए पीने का पानी, ए.टी.एम., बस स्टॉप, सायकिल स्टेशन तथा विश्राम के लिए कुर्सियाँ लगाई गयी हैं।
चौहान ने भोपाल की बड़ी झील के पास वीआईपी रोड पर सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ किया। इससे वीआईपी रोड पर सोलर एनर्जी के उपयोग से कर्बला पंप के संचालन का कार्य हो सकेगा। भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने बड़े तालाब के किनारे वीआईपी रोड पर 1540 सोलर एनर्जी पैनल लगाए हैं। प्लांट की क्षमता 500 किलोवॉट है। सोलर प्लांट से हर माह 75 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। प्लांट से उत्पादित सौर ऊर्जा का उपयोग नगर निगम के करबला पम्प हाउस के संचालन में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की लागत 2 करोड़ 6 लाख रूपए है। वीआईपी रोड पर लगी स्ट्रीट लाईट्स भी सोलर एनर्जी से रोशन हो रही हैं। वीआईपी रोड पर लगे सोलर एनर्जी प्लांट से करीब 76 लाख 65 रूपये का राजस्व बचने का अनुमान है, जो बिजली के बिल के रूप में खर्च होता था। केन्द्र सरकार सोलर ऊर्जा एवं अन्य वैकल्पिक उर्जा पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी के तहत भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने ऊर्जा प्लांट शुरू किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने स्मार्ट सिटी के वॉटर वॉल एंड फाउंडेशन कार्य के लिए भी भूमि-पूजन किया। इसके अंतर्गत करीब 06 करोड़ रूपए की लागत से संगीतमय फाउंटेन निर्मित होगा, जो पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
मुख्यमंत्री ने अगले तीन माह में यह प्रोजेक्ट पूर्ण करने के निर्देश दिए। चौहान द्वारा भ्रमण के दौरान 823 मीटर लंबे रेलवे ओव्हर ब्रिज का भूमि-पूजन किया गया। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति 17 करोड़ 45 लाख रूपए की है। इसका लाभ लगभग 5 लाख आबादी को मिलेगा। डेढ़ वर्ष में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है। शहर का व्यस्ततम मार्ग होने से यहाँ यातायात का काफी दबाव है, जो इस आरओबी के बनने से समाप्त होगा।
उन्होंने कहा कि रेलवे गेट बंद होने से जाम की स्थिति बन जाती है, जिसका निराकरण हो सकेगा। समय, ईंधन और ऊर्जा की बचत होगी। नरेला क्षेत्र के अंतर्गत करोंद मंडी के पास देवकी मंदिर से निशातपुरा तक बनने वाले इस आर.ओ.बी के दोनों ओर साढ़े पाँच मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनेगी। भूमि-पूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य सहित अन्य चार आरओबी भी स्वीकृत हुए हैं। निश्चित ही इसके लिए मंत्री विश्वास सारंग के निरंतर प्रयास रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सारंग और क्षेत्रीय निवासियों को आरओबी के भूमि-पूजन की बधाई दी।
चौहान ने भ्रमण के दौरान भानपुरा खंती के सौन्दर्यीकरण कार्य को भी देखा। उन्होंने कहा कि इसे नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा, जो भी भोपाल आएगा इसे देखे बिना नहीं जाएगा। उन्होंने स्थल की तस्वीर बदलने के कार्य की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक श्रेष्ठ नवाचार है। योजना में 32 करोड़ की लागत से एक व्यावसायिक काम्प्लेक्स निर्मित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल तक यह खंती भोपाल के लिए बदनुमा दाग की तरह थी। अब इसे पर्यटक स्थल में बदलने की तैयारी है। वर्तमान स्वरूप को देखकर भी कोई नहीं कह सकता कि यहाँ खंती रही होगी। उन्होंने कहा कि इसके निकटवर्ती क्षेत्र को शहर के एक पर्यटक केन्द्र के रूप में विकसित किया जाए। कैफेटेरिया आदि का निर्माण भी किया जाए। खंती में 7.23 लाख टन कचरे का वैज्ञानिक उपचार कर 21 एकड़ भूमि का पुन: उपयोग करते हुए 16 एकड़ भूमि पर पार्क विकसित किया जा रहा है।
चौहान ने माहोली दामखेड़ा में 35 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का शुभारंभ किया। इस कार्य की लागत 47 करोड़ 86 लाख रूपये है। लाभान्वित क्षेत्रों में जहाँगीराबाद, जेपी नगर, शाहजहाँनाबाद, ईदगाह हिल्स, हमीदिया, साजिदा नगर आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने संयंत्र के समुचित संधारण के निर्देश भी दिए।
चौहान ने गोविंदपुरा में कचरा निष्पादन संयंत्र का लोकार्पण कर कार्य की सहराना की। भोपाल स्मार्ट सिटी डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा गोविंदपुरा, बाबा नगर तथा ईदगाह हिल्स पर आधुनिक ट्रांसफर स्टेशन का निर्माण कराया गया है। यहाँ आधुनिक गाड़ियों के माध्यम से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग लाया जाएगा तथा उन्हें पृथक-पृथक कर और संघनित कर बंद कैप्सूल के माध्यम से आदमपुरा खंती भेजा जाएगा। समस्त प्रक्रिया की ऑनलाइन मॉनीटरिंग स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने नगर भ्रमण के पश्चात स्मार्ट सिटी ऑफिस में भोपाल के सौन्दर्यीकरण एवं विकास संबंधी बैठक ली। उन्होंने कमिश्नर भोपाल कवीन्द्र कियावत द्वारा प्रस्तुत प्रेजेंटेशन देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल को सुंदरतम शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहाँ आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाई जाएंगी तथा पर्यावरण का पूरा ध्यान रखते हुए समावेशी विकास किया जाएगा। भोपाल शहर अपने तालाबों एवं हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। प्राकृतिक रूप से इसे और समृद्ध किया जाएगा। वन विहार को नया रूप दिया जाएगा तथा नाईट सफारी पर भी कार्य किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि भोपाल के विकास का रोडमैप भी तैयार करने का अभियान हमने प्रारंभ किया है। भोपाल देश का सुन्दरतम शहर और स्वच्छतम राजधानी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल को हम केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे सुन्दर शहरों में सम्मिलित करना चाहते हैं। अनेक कार्य जिनका आज लोकार्पण हुआ है, भूमि-पूजन हुआ है, उनके अलावा नए कार्य भी हाथ में लिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य 36 सड़कें सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था ठीक करने के लिए निर्मित की जा रही है। दीनदयाल रसोई के कार्य का विस्तार होगा। तीन नए स्थानों पर यह व्यवस्था की जाएगी। शहर में 15 रैनबसेरे भी निर्मित होंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देंगे और इसके लिए 67 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि अयोध्या बायपास के लिए लगभग 600 करोड़, कोलार रोड के लिए 414 करोड़, बैरागढ़ के लिए 264 करोड़ और कोच फैक्ट्री के लिए 105 करोड़ की राशि सड़कों, फ्लाय ओव्हर आदि के लिए व्यय की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि परीबाजार के पुनर्घत्वीकरण की योजना, विद्या नगर में कोचिंग संस्थानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विकास योजना, शौर्य स्मारक को नया स्वरूप देने, मनुआभान की टेकरी पर भारत मंदिर के विकास के कार्य भी किए जाएंगे।