Mijajilal jain(Swatantr Patrakar)
ग्वालियर। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के गृह नगर में हुए कार्यक्रम में न आने की गुस्ताखी तहसीलदार को महंगी पड़ गई। मंच से गृहमंत्री ने तीन बार पूछा- तहसीलदार साहब कहां है, कौन हैं, क्या नाम है? जब पता लगा कि वह आए ही नहीं हैं तो नाराज गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंच से ही तहसीलदार बडोनी सुनील वर्मा को निलंबित करने की घोषणा कर दी। कार्यक्रम दतिया के बड़ोनी नगर परिषद में पात्रता पर्ची वितरण का था। इसके बाद तहसीलदार को जो काम करना था, वह उन्होंने सीएमओ को बताया है।
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा रविवार को अपने गृह नगर दतिया में प्रवास आए। इस दौरान राशन की दुकानों से मिलने वाले राशन के लिए पात्रता पर्ची के वितरण का कार्यक्रम दतिया शहर से 8 किलोमीटर दूर बड़ोनी नगर परिषद में चल रहा था। रविवार दोपहर में वह 59 लोगों को पात्रता पर्ची वितरण कर चुके थे, लेकिन इस दौरान 25 नए आवेदन और आ गए। इस पर उनके दस्तावेज लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तत्काल तहसीलदार को पर्ची बनवाने के लिए तलाशा, पर तहसीलदार बडोनी सुनील वर्मा वहां मौजूद नहीं थे। मंच पर क्षेत्र के लोगों को बीच घिरे गृहमंत्री ने माइक हाथ में लेकर तीन बार तहसीलदार को आवाज लगाई। फिर गृहमंत्री को गुस्सा आ गया।
वैसे प्रोटोकॉल यही कहता है कि जब आपके क्षेत्र में गृहमंत्री का कार्यक्रम है तो जिला प्रशासन, पुलिस व अन्य विभाग के मुखियाओं का वहां उपस्थित होना होता है। यदि कोई बहुत बड़ी मजबूरी है या संबंधित अधिकारी अवकाश पर है तो उसकी जगह दूसरा कोई प्रतिनिधि होना चाहिए। रविवार को गृहमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थित न होकर तहसीलदार बडोनी सुनील वर्मा ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।
इस मामले में तहसीलदार सुनील वर्मा ने कहा कि, मैं कार्यक्रम में वहीं मौजूद था। जब गृहमंत्री ने माइक पर बुलाया तो मैं बाहर एक पटवारी को कुछ काम समझा रहा था। गृहमंत्री के पास काफी भीड़ थी, लेकिन फिर भी मैं उनके पास पहुंचा और मामले से अवगत करा दिया है।