भोपाल। पुलिस आरक्षक में होने वाली भर्ती में महिलाओं के पद खाली न रहे इसे लेकर प्रदेश के कई जिलों की पुलिस लड़कियों को ट्रैनिंग दे रही है। रतलाम जिला पुलिस ने जहां सुपर गर्ल नाम से महिलाओं को ट्रैनिंग देने के लिए बैच शुरू किया है। वहीं जबलपुर पुलिस शिक्षा दान के नाम से नवाचार कर रही है। गौरतलब है कि पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है।

रतलाम जिले की 100 बेटियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। सौ लड़कियों  के इस बैच को विभाग की स्पेशल टीम ट्रेनिंग के साथ ही कोचिंग भी दे रही है।  इस स्पेशल बैच का नाम ‘सुपर गर्ल’ है।  रतलाम पुलिस ने महिला बाल विकास विभाग के साथ ट्रेनिंग का सारा खर्च उठाते हुए टॉप-100 लड़कियों का चयन किया है। जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं और जो कभी महंगे प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में जाने के बारे में सोचती भी नहीं हैं।

जिले के अलग-अलग इलाकों की झुग्गी-बस्तियों में रहने वाली इन बेटियों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि ये पुलिस भर्ती परीक्षा का फॉर्म तक नहीं भर सकतीं।  कुछ लड़कियां तो ऐसे घर से आती हैं जिन्होंने जैसे-तैसे कर उच्च शिक्षा तो प्राप्त कर लेती हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते आगे की तैयारी नहीं कर पाती।  ऐसे में रतलाम पुलिस व महिला बाल विकास विभाग ने संयुक्त अभियान चलाकर 100 बेटियों का चयन किया और उन्हें आगे लेकर आए।  चयनित बच्चियों की आर्थिक हालत कमजोर जरूर है लेकिन ये सभी पढ़ाई में अच्छी है. इसीलिए विभाग ने इस बैच का नाम ‘सुपर गर्ल’ बैच रखा है।

इसी तरह जबलपुर पुलिस ने शिक्षा दान का नवाचार शुरू किया है। पुलिस लाइन में लगाई जा रही पाठशाला में बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही है। इसमें जो बच्चे पढ़ रहे हैं वे भविष्य में अधिकारी बन सकते हैं और उनकी जिंदगी संवर सकती है। खास बात यह है कि यहां रक्षित निरीक्षक (आरआइ), सूबेदार और आरक्षक ही शिक्षक हैं जो बच्चों को नई तकनीक के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करा रहे हैं।

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