भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि जिन नगरों तथा ग्रामों में खेल मैदान या स्टेडियम बनाए गए हैं, उनके रख-रखाव के लिए नीति विकसित की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खेल मैदानों के रख-रखाव के लिए बजट आवंटन कहा से आएगा और इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा। चौहान आज यहां निवास पर जन-प्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से जन-कल्याण तथा अधोसंरचना निर्माण से संबंधित योजनाओं पर चर्चा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों तथा युवाओं को खेल सुविधा निरंतर उपलब्ध हो सके, इसके लिए खेल मैदानों का सतत रख-रखाव आवश्यक है। उन्होंने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे परिवारों के राशन कार्ड, दिव्यांग सहायता, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजनाओं और संबल योजना सहित सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं से कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे। इस संबंध में यदि कोई प्रकरण भोपाल आता है, तो यह माना जाएगा कि जिला स्तर पर कार्य ठीक नहीं चल रहा है।
यह देखना भी आवश्यक है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति योजना से लाभान्वित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों के विकास का पंचवर्षीय रोडमैप विकसित किया जाए तथा बजट उपलब्धता के आधार पर निर्धारित प्राथमिकताओं का चरणबद्ध रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जहाँ स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी और सार्वजनिक सुविधा संबंधी निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, वहाँ यदि अतिक्रमण हो तो उन्हें तत्काल हटाया जाए। सभी गाँवों में हर घर में नल-जल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। चौहान ने कहा कि पुरातत्व तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों का विकास भी आवश्यक है।
जिले के साथ विकासखण्ड तथा विधानसभा क्षेत्र की भी अपनी अलग पहचान विकसित की जाए। उन्होंने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के संदर्भ में युवाओं को रोज़गार और स्व-रोज़गार संबंधी प्रशिक्षण के लिए जिला सहित विकासखण्ड स्तर पर मेले आयोजित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि ऐसे समागमों में स्व-सहायता समूहों की सहभागिता और उनके उत्पादों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए। इन गतिविधियों से युवाओं की रूचि और प्रतिभा को पहचानने तथा उनमें नेतृत्व क्षमता उभारने में सहायता मिलती है और उन्हें निश्चित दिशा प्राप्त होती है।
मुख्यमंत्री ने सीहोर जिले के जन-प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्माण कार्यों, नर्मदा नदी के घाटों के विकास, बुधनी के सौन्दर्यीकरण, वन ग्राम से राजस्व ग्राम परिवर्तन, छूटे वनाधिकार पट्टों, नल-जल सुविधा के विस्तार, सिंचाई सुविधा के विस्तार, बाढ़ से क्षतिग्रस्त आवासों के निर्माण और रिक्त पदों की स्थिति संबंधी जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गुरूप्रसाद शर्मा, वेयरहाऊसिंग कार्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, आयुक्त भोपाल संभाग कवीन्द्र कियावत सहित अन्य जन-प्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित थे।