जबलपुर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कानून के छात्र अम्रतांश नेमा ने मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 की संवैधानिकता को चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 की धारा 4, 10 और 12 गलत है. नए कानून में धर्मांतरण की परिभाषा और प्रक्रिया भी गलत है. अम्रतांश की याचिका पर हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार, विधि एवं विधाई कार्य विभाग सहित गृह विभाग को नोटिस जारी किए. बता दें. यह कानून 17 सेक्शन का नया क़ानून है.
गौरतलब है कि 9 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने राजपत्र में धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 Freedom of Religion Ordinance) के लिए अधिसूचना जारी की थी. सरकार के इस कदम के साथ ही कथित ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) के खिलाफ राज्य में सख्त कानून लागू हो गया. दिसंबर 2020 में शिवराज सिंह कैबिनेट (Shivraj Singh Cabinet) ने मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंजूरी दी थी.