भोपाल। प्रदेश में नक्सलियों पर अंकुश लगाने के लिए छत्तीसगढ़ से सटे दो जिलों की करीब 150 किलो मीटर के रास्ते पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा। वहीं नक्सलियों के लिए काम करने वाली सीपीआई के दो संगठनों को राज्य शासन ने बैन कर दिया है। फिलहाल यह बैन एक साल तक रहेगा। नक्सलियों पर अंकुश लगाने के लिए मिलने वाले अर्धसैनिक बल की 6 कंपनियों को बालाघाट और मंडला के घने जंगलों में तैनात किया जाएगा। इनकी तैनाती को लेकर प्लान तैयार हो चुका है।
सूत्रों की मानी जाए तो प्लान के मुताबिक बालाघाट और मंडला जिले में कान्हा टाइगर रिजर्व के आसपास अर्धसैनिक बल को तैनात किया जाएगा। यह पूरा रास्ता और जंगल करीब 150 किलो मीटर का है। इस रास्ते में छोटे-छोट अभ्यारण्य भी शामिल हैं। यह पूरा क्षेत्र छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है। इस पूरे रास्ते पर घना जंगल भी है। साथ ही ऐसे गांव हैं जहां पर नक्सलियों को संरक्षण मिल जाता है। गौरतलब है कि अर्धसैनिक बल की इन कंपनियों को हेडक्वार्टर मंडला में बनाया जाएगा। इसमें तीन कंपनी मंडला जिले में तैनात होगी, जबकि दो कंपनी बालाघाट जिले में तैनात किए जाने पर विचार किया जा रहा है।
सूत्रों की मानी जाए तो बालाघाट और मंडला जिलों में नक्सलियों के छह ग्रुप आॅपरेट कर रहे हैं। इनमें से एक दल तो पिछले साल ही सामने आया है। इन सभी ग्रुप पर अंकुश लगाने के लिए यह पूरी योजना तैयार की गई है।