नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के तीन अलग-अलग मामलों में चार सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है जिनमें दिल्ली पुलिस के एक सिपाही, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के दो कर्मचारी और सैन्य इंजीनियरिंग सेवा का एक जूनियर इंजीनियर शामिल है। सीबीआई के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत मिली थी कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले के सरिता विहार थाने में तैनात एक सिपाही सुमन शिकायतकर्ता से दो लाख रुपये और मोबाइल फोन की रिश्वत मांग रहा है।
शिकायतकर्ता के मुताबिक उसके खिलाफ कोई जांच सरिता विहार पुलिस थाने में चल रही थी और सिपाही उसे यह कहकर रिश्वत मांग रहा था कि अगर उसे दो लाख नहीं दिए तो वह उसे इस केस में फंसा देगा। रिश्वत की रकम को लेकर सुमन और शिकायतकर्ता के बीच एक लाख रुपये और एक मोबाइल फोन पर बात तय हो गई। सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाया और सुमन को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उसे सीबीआई के विशेष मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
अधिकारी के अनुसार दूसरा मामला पूर्वी दिल्ली नगर निगम से जुड़ा हुआ है। जहां सीबीआई ने शिकायतकर्ता की सूचना के आधार पर रिश्वत ले रहे एक लाइसेंस इंस्पेक्टर /निम्न श्रेणी लिपिक और निगम के प्रशासनिक अधिकारी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता ने सीबीआई को सूचना दी थी कि उसने घरेलू उद्योग के लिए पूर्वी दिल्ली नगर निगम में प्रार्थना पत्र दिया था और इसके बदले उससे 40 हजार रुपये की रकम मांगी जा रही थी। सूचना के आधार पर सीबीआई ने लाइसेंस इंस्पेक्टर एके राय और पूर्वी दिल्ली नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी राकेश रावत को रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि तीसरा मामला सेना की इंजीनियरिंग सेवा से जुड़ा हुआ है। शिकायतकर्ता ने सीबीआई को सूचना दी थी कि उसने सेना की सैन्य इंजीनियरिंग विभाग के लिए कुछ काम किए थे, जिनके बदले उसका करीब 13.5 लाख रुपये बिल बकाया था। इस बिल को पास करने के बदले सेना की इंजीनियरिंग शाखा में तैनात जूनियर इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा उससे रिश्वत की मांग कर रहा था। दोनों के बीच 18 हजार रुपये पर मामला तय हुआ। सूचना के आधार पर सीबीआई ने जाल बिछाकर जूनियर इंजीनियर अरुण कुमार मिश्रा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई के मुताबिक सभी मामलों में आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।