भोपाल। मुरैना के अवैध जहरीली शराब कांड की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल(एसआईटी) की रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंहचौहान के पास पहुंच गई है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि अवैध शराब निर्माण की जानकारी पुलिस, प्रशासन और आबकारी तीनों को थी। यहां काफी लंबे समय से अवैध शराब का निर्माण हो रहा है। एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं के आधार पर अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आबकारी एक्ट में बदलाव किया जाएगा। इस तरह के मामलों में लिप्त पाए जाने वाले लोगों के लिए और सख्त सजा का प्रावधान किया जाएगा। सरकार इसके लिए अन्य देशों के कानूनों का भी अध्ययन कराएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को शाम पौने चार बजे प्रदेशभर के कलेक्टर-एसपी के साथ जहरीली शराब के मामलों को रोकने के लिए चर्चा करेंगे और ऐसे मामलों में और सख्त कार्यवाही करने के निदेश देगे।
मुरैना में अवैध शराब के कारोबार से जुड़े मुख्य अभियुक्त मुकेश किरार को चेन्नई में गिरफ्तार किया जा चुका है। मध्यप्रदेश पुलिस उसे लेकर मध्यप्रदेश आएगी फिर उस पर कार्यवाही करने के लिए उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने मुरैना के छैरा-मानपुर मे मुकेश किरार के दो मकानों को ध्वस्त कर दिया। मुकेश किरार की अवैध शराब फैक्ट्री में बनने वाली जहरीली शराब को पीने से दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, एडीजी सीआईडी ए साई मनोहर और डीआईजी ट्रेनिंग मिथिलेश शुक्ला के विशेष जांच दल को मुरैना में जांच के दौरान पता चला कि जिस छैरा गांव में अवैध शराब की फैक्ट्री मिली है वहां काफी पहले से अवैध शराब का निर्माण हो रहा है। इसके पहले 17 मई 2017 को भीं यहां अवैध शराब निर्माण रोकने पहुंचे पुलिस, आबकारी अमला पहुंचा था। लेकिन अवैध शराब बनाने वाले गुर्गो ने जांच करने के लिए पहुंची टीम को पथराव कर यहां से भगा दिया था। इसके बाद भी यहां धड़ल्ले से अवैध शराब का निर्माण किया जा रहा था।
छेरा गांव में अवैध शराब फैक्ट्री पर ओवर प्रूफ एल्कोहल डिस्टलरी और बाटलिंग प्लांट से अलकोहल पहुंचाया जा रहा था। चेरा और तोर गांव में एक हजार लीटर ओवर प्रूफ एलकोहल बरामद हुई है। डिस्टलरी और बाटलिंग प्लांट में आबकारी का अमला तैनात रहता है तब यह सामग्री अवैध शराब फँक्ट्री तक कैसे पहुंची इस मामले में आबकारी अमले की बड़ी चूक एसआईटी ने पकड़ी है।
मौजूदा आबकारी नीति में चुनिंदा समूहों को ही शराब के ठैके दिए जाते है। अब नई शराब नीति में बदलाव किया जाए और शराब दुकानों के ठेके छोटे-छोटे समूहों को दिए जाएंगे ताकि अधिक लोग इस काम में उतरे तो प्रतिस्पर्धा रहेगी। सरकार शराब कारोबार से अब और अधिक लोगों को जोड़ेगी ताकि अवैध शराब निर्माण के कारोबार पर शिकंजा कसा जा सके। अवैध शराब निर्माण,भंडारण और परिवहन करने वालों पर जुर्माने की राशि बढ़ाने और सजा की अवधि बढ़ाने का भी निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंहचौहान मंगलवार को इस मसले पर कलेक्टर-एसपी के साथ चर्चा करेंगे।