भोपाल। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निजी स्कूलों को फीस प्रतिपूर्ति में हो रही देरी के बाद अब विभाग ने बिना सत्यापन के सीधे खातों में पैसा डालने के निर्देश दिए है। सभी कलेक्टर्स को भेजे आदेश में आयुक्त राज्य शिक्षा ने लिखा है कि कोरोना संकट को देखते हुए विशेष रियायत दी जाए। फीस प्रतिपूर्ति के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव के सत्यापन पर समस्या आ रही है ऐसे में सत्र 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति के संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। उक्त आदेश का परिपालन जनवरी माह में करने के निर्देश दिए है। इस बीच स्कूलों में 20 फीसद राशि फीस प्रतिपूर्ति की खातों में पहुंच जाए।
सत्र 2019-20 में शिक्षा का अधिकार के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों में निशुल्क अध्ययनरत बच्चों की संख्या एवं अशासकीय स्कूलों द्वारा अन्य बच्चों से ली जाने वाली पीस अथवा शासन का इस वर्ष का प्रति छात्र व्यय राशि 5116 इनमें जो भी कम हो के मान से पात्रता के अनुसार दी जाने वाली फीस प्रतिपूर्ति की 20 फीसद राशि संबंधित गैर अनुदान एवं मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों को अग्रिम रूप से जारी की जाए।
फीस प्रतिपूर्ति के लिए जिला शिक्षा केंद्र में पूर्व वर्ष से ही प्रायवेट स्कूल का बैंक डिटेल की जानकारी उपलब्ध है अत: जिले से 20 फीसद राशि पात्रतानुसार निजी स्कूलों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाए। सत्र 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति के उक्त प्रायोजन हेतु राज्य शिक्षा केंद्र से जिला शिक्षा केंद्र को राशिन रुपए 96 करोड़ प्रेषित किए जा चुके हैं।
सत्र 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति प्रस्ताव अशासकीय स्कूलों के माध्यम से आईटीई पोटर्ल पर आनलाइन मिलने पर अग्रिम प्रदत्त राशि को समायोजित करते हुए शेष देय राशि का भुगतान संबंधित अशासकीय स्कूल को नियमानुसार किया जाए।